कपल स्वैपिंग सेक्स कहानी में दो कपल आपस में दोस्त थे. एक कपल दूसरे के साथ अदला बदली वाली चुदाई का मजा लेना चाहता था. उन्होंने कैसे इस सेक्स कारनामे को अंजाम दिया.
कहानी के पहले भाग
सेक्स में खुलेपन का फैशन
में आपने पढ़ा कि अशोक ने सीमा को भड़का दिया कि वह अदला बदली के लिए दीपा से बात करे और इससे पहले बहाने से एक बार मनीष का लंड रगड़ दे या उससे मम्मे अपने रगड़वा ले.
सीमा का दिमाग इसी तरफ चलने लगा.
अब आगे कपल स्वैपिंग सेक्स कहानी:
ऐसा मौक़ा भी जल्दी ही आ गया.
सीमा का जन्मदिन था.
दीपा ने उसके लिए कोई सूट मंगा रखा था.
उसकी तबियत ठीक नहीं थी तो वो खुद सीमा के पास नहीं आ पा रही थी.
उसने वो सूट मनीष को दिया कि इसे सीमा को देते हुए चले जाना ऑफिस.
दीपा ने सीमा को फोन कर दिया- मनीष तुम्हें वो सूट दे जाएगा!
अशोक ऑफिस जा चुका था.
सीमा नहा रही थी.
तभी मनीष ने घंटी बजाई.
सीमा समझ गयी कि मनीष होगा.
उसने भीगे बालों को एक टॉवेल से लपेटा और बाथरोब लपेट कर गेट खोला.
मनीष उसे ऐसे देख सकपका गया.
वह उसे जल्दी से हैप्पी बर्थडे कहकर पैकेट देकर जाने लगा.
सीमा ने उसे जबरदस्ती रोक लिया- बर्थडे विश किया है तो ऐसे कैसे जाने दूँगी. मैंने कॉफ़ी फेंटी रखी है, पीकर जाना.
मनीष ने कहा- ऑफिस को लेट हो जाउंगा.
सीमा बोली- मैं अशोक को कह देती हूँ, वो संभाल लेगा.
ऑफिस में अशोक ही मनीष का इमीडियेट बॉस था.
मनीष को अंदर बिठा कर सीमा ने एक फ्रॉक डाली और किचन से कॉफ़ी ले आई.
उसके भीगे बालों से पानी की बूँदें गिर रही थीं.
फ्रॉक में उसके तने हुए निप्पल और अधिकांश जिस्म झाँक रहा था.
गोरे बदन पर पानी की टपकती बूँदें और हाथ और पैर पर चटक गुलाबी रंग की नेलपॉलिश और महकते डियो की खुशबू … मनीष को पागल करने को काफी थी.
मनीष संकोच कर रहा था.
सीमा ने हंसते हुए कहा- तुम्हें क्या हो गया? हम लोग तो अच्छे दोस्त हैं. दोस्त के सामने ऐसे आने में जब मुझे संकोच नहीं हो रहा तो तुम क्यों संकोच कर रहे हो.
मनीष खिसिया कर हंसने लगा.
कॉफ़ी पीकर मनीष जाने को खड़ा हुआ तो सीमा ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोली- मेरा बर्थडे गिफ्ट?
मनीष मुस्कुराता हुआ बोला- अभी दिया तो है!
सीमा बोली की ये तो दीपा ने दिया है, तुम्हारा कहाँ है?
मनीष खिसिया गया.
सीमा ने उचककर उसके बाल पकड़े और उसका सर अपनी और झुकाया और उसके होंठों से अपने होंठ भिड़ाते हुए बोली- एक किस तो बनता ही है.
मनीष सकुचाया तो सीमा ने बनावटी गुस्सा दिखाते हुए कहा- यार, ढंग से किस भी नहीं कर सकते. नहीं बता रही मैं दीपा को कुछ भी.
अब मनीष की हिम्मत खुल गयी, उसने सीमा के होंठ पर एक जबरदस्त किस दिया.
सीमा लिपट गयी उससे और फिर थैंक्स बोली.
इतनी देर में उसने मनीष के पेंट के उभार को महसूस कर लिया और हाथ फिराते हुए शरारत से बोली- समझाओ इसे!
दोनों हंस पड़े.
सीमा ने मनीष को बाय कहते हुए कह दिया- गाड़ी का फेन खोल लेना, तुम आगे से भीग गए हो.
मनीष रास्ते भर सीमा के निप्पलों का दवाब अपनी छाती पर महसूस करता रहा.
सीमा ने रात को बेड पर सारी बात अशोक को बतायी.
तो अशोक तो खुश हो गया.
सीमा समझ गयी कि अब उसकी ख़ुशी लंड से होते हुए उसकी चूत में घुसेगी.
मतलब अब जबरदस्त चुदाई होगी.
अशोक तो पागल हो रहा था.
उसने सीमा से कहा- अब मैं कल फोन पर मनीष को सिडयूस करूंगा. तुम दीपा को तैयार कर लेना. इस सैटरडे को हमारा पहला ग्रुप सेक्स होगा ही होगा. तुम पार्लर हो आना.
अब अगले दो दिनों में इन दोनों ने क्या गुल खिलाया कि मनीष और दीपा तैयार तो नहीं हुए पर कंफ्यूज जरूर हो गए.
सीमा ने दीपा को सैटरडे नाईट पर डिनर पर बुलाया और आँख मारते हुए कहा- तैयारी से आना.
दीपा झिझकती हुई बोली- यार, हमसे नहीं होगा. पता नहीं क्यों, डर लग रहा है.
सीमा बोली- तैयारी करके आना, वैक्सिंग वगेरा करके! फिर मूड बनेगा तो करेंगे वरना नहीं. हमारी दोस्ती में कोई फर्क नहीं आयेगा.
यही बात अशोक ने मनीष को समझाई.
बल्कि मनीष का एक फेवर भी ऑफिस में कर दिया जिसके लिए मनीष उसका शुक्रगुजार रहा.
अब सैटरडे की तैयारी में चारों जुट गये.
सीमा दीपा को तो पार्लर अपने साथ ही ले गयी और उसके ना ना करने पर भी फुल बॉडी वेक्सिंग और टोनिंग वगैरा करवा दी.
अशोक ने भी बातों बातों में मनीष को नीचे सफाई करने को कह दिया.
मनीष तो उस दिन के सदमे से ही नहीं उभरा था.
अब सीमा के जिस्म के करंट का ख्याल उसे रोमांचित कर रहा था.
अशोक ने उसे पता नहीं क्या पट्टी पढ़ाई थी कि वो इन सबका जिक्र दीपा से न करे.
वो तैयार है और ऐन मौके पर ही आपस में बात करेंगे.
अगर कुछ होगा तो सबकी सहमति से … वरना नहीं.
सैटरडे को सीमा ने खुद तो एक शोर्ट फ्रॉक पहनी ही, एक फ्रॉक दीपा के लिए भी निकाल कर रख दी.
अब रास्ते में तो दीपा शोर्ट फ्रॉक पहन कर आती नहीं.
यह उसने दीपा को बता भी दिया.
डिनर का ऑर्डर बाहर से कर दिया था रात को 10 बजे के लिए.
ड्रिंक्स और स्नैक्स का इंतजाम कर लिया था.
दीपा और मनीष तय प्रोग्राम से 7 बजे तक आ गये.
मनीष कुछ नर्वस हो रहा था.
सीमा ने हंसते हुए गेट खोला.
सीमा हाई हील में बिलकुल कॉलेज गर्ल लग रही थी.
उसके जिस्म से मादक महक आ रही थी.
उसने दीपा को किस किया और मनीष से हाथ मिलाया.
मनीष के हाथों में पसीना था.
सीमा ये देख कर हंस दी.
चारों सोफे पर बैठ गये.
दीपा जींस और टॉप पहने थी.
सीमा उसे बेड रूम में ले गयी और फ्रॉक देते हुए कहा- चेंज कर ले.
दीपा ने ना नुकुर की तो सीमा ने आँख दिखाते हुए कहा- नाटक मत कर और पांच मिनट बाद बाहर आना. मैं ज़रा मनीष का मूड ठीक कर लूं.
बाहर आकर सीमा ने अशोक को आँख मारी तो हरीश उसका इशारा समझ गया और बोला- मैं अभी पांच मिनट में आया. गाड़ी में कुछ सामान रखा है, वो निकाल कर लाता हूँ.
उसके जाने के बाद सीमा मनीष के पास बैठी और उसका हाथ पकड़ते हुए बोली- तुम परेशान मत हो. कुछ जबरदस्ती नहीं है. अगर मैं तुम्हें अच्छी नहीं लगती तो कोई बात नहीं. हमेशा की तरह ड्रिंक्स लेंगे और फिर डिनर. इससे ज्यादा कुछ नहीं. पर प्लीज़ मूड अच्छा रखो.
मनीष सकपका गया- नहीं ऐसा नहीं. तुम तो मुझे बहुत अच्छी लगती हो और आज तो कातिल लग रही हो. बस पता नहीं दीपा कैसा रियेक्ट करेगी. मैंने उससे कुछ नहीं पूछा.
सीमा मुस्कुराते हुए बोली- अगर दीपा मूड में नहीं होती तो अब ड्रेस बदलने नहीं गयी होती. और मैं तुम्हें अच्छी लगती हूँ ये तो तुम्हारे होंठ मेरे होंठों को बतायेंगे.
कहकर सीमा आगे हुई तो मनीष उसके चेहरे को पकड़कर उसे ताबड़तोड़ चूमने लगा.
सीमा ने उससे अलग होते हुए कहा उसकी पैन्ट के उभार की और इशारा करते हुए- हाँ अब तुम्हारे होंठ और तुम्हारा बम्बू दोनों गवाही दे रहे हैं कि मैं तुम्हें अच्छी लग रही हूँ.
इतने में अशोक भी आ गया और रूम से दीपा भी अपने बाल लहराते हुए आ गयी.
दीपा की अदा देख कर अशोक तो उसके पैरों में ढोक लगाते हुए बोला- ऐ हसीना, आज तो आपने हमारा दिल छलनी ही कर दिया. उफ़ तेरी ये अदाएं!
सभी हंस पड़े.
सीमा ने म्यूजिक लगा दिया.
ड्रिंक्स शुरू हो गए.
धीरे धीरे माहौल बनने लगा.
जब शराब का सुरूर चढ़ने लगा तब सीमा ने दीपा को खड़ा करके उससे लिपटते हुए थिरकना शुरू किया.
दोनों मर्द जाम पीते हुए उनके डांस का लुत्फ़ ले रहे थे.
सीमा ने अपने होंठ दीपा के होंठ से मिला दिए और किसी मर्द की तरह उसे अपने से भींच लिया.
सभी हंस पड़े.
अब जोड़ी बना कर दोनों जोड़े थिरकने लगे.
सीमा ने लाइट बहुत धीमी कर दी.
म्यूजिक बहुत सेक्सी था.
शराब का सुरूर पूरा चढ़ चुका था.
शवाब अपनी जवानी पर था..
उनकी जोड़ियाँ कब आपस में बदल गयी खुद उन्हें पता नहीं चला.
अब अशोक की बाहों में दीपा मचल रही थी और मनीष की बाहों में सीमा.
पहले होंठ मिले, फिर जिस्म!
अब तो कमरे में आहें और कसमसाहट सुनाई दे रही थी.
सीमा ने लाइट बिलकुल बंद कर दी. बस बेडरूम से हल्की सी रोशनी आ रही थी.
सीमा ने अशोक से फुसफुसाकर कहा- तुम लोग बेडरूम में चले जाओ!
कहकर वो मनीष से लिपटती हुई गेस्टरूम में चली गयी.
उसने गेस्ट रूम को दिन में ही तरीके से सेट कर लिया था.
सीमा ने बेड के पास पहुंचकर मनीष को धक्का देकर नीचे लिटा दिया और उसके जूते खोलते हुए उसकी पैन्ट भी नीचे खींच दी.
मनीष सकुचाया तो उसने फुसफुसाते हुए कहा- तेरी बीवी तो अब तक बेड रूम में पूरे कपड़े उतार चुकी होगी.
कहकर सीमा ने अपनी फ्रॉक उतार दी.
अब वो केवल ब्रा पैन्टी सेट में थी.
अँधेरे में कुछ नहीं दिखाई दे रहा था.
सीमा ने मनीष की मदद से अपने और उसके सारे कपड़े उतार फेंके.
मनीष तो उसके मम्मों पर पिल गया.
वो किसी बच्चे की तरह बारी बारी से उसके निप्पल चूम रहा था.
सीमा के हाथ में उसका टनटनाता हुआ लंड था.
सीमा नीचे हुई और उसका लंड अपने होंठों से दबाते चूसते हुए मुंह में ले लिया.
मनीष जल्दी ही बेचैन हो उठा.
सीमा भी उसका लंड लेने को बेताब थी.
मनीष ने सीमा को नीचे लिटाया और उसकी टांगें उठाते हुए अपना मूसल पेल दिया उसकी चूत में.
सीमा ने जानबूझकर जोर की आह निकाली ताकि बेडरूम वाले समझ जाएँ कि यहाँ तो दंगल शुरू हो गया है.
अशोक दीपा को गोदी में उठाये रूम में पहुंचा और पैर से ठेलते हुए डोर भेड़ लिया.
कमरे में हल्की रोशनी थी.
दोनों लिपट गए.
दीपा का जिस्म काँप रहा था.
अशोक ने दीपा के होंठों से अपने होंठ मिला दिए और जब उसने ये महसूस किया कि दीपा का जिस्म मचल रहा है तो उसने एक हाथ नीचे किया और दीपा की फ्रॉक उठाकर पैन्टी के अंदर कर दिया.
दीपा चिहुंकी पर उसने कोई ख़ास विरोध नहीं किया.
दीपा की चूत बिलकुल रेशमी थी … सीमा से ज्यादा ताज़ी.
अशोक नीचे बैठ गया और दीपा की एक टांग अपने कंधे पर रखकर उसकी चूत में जीभ घुसा दी.
दीपा कसमसाने लगी.
वो उसके बाल खींच रही थी.
अशोक खड़ा हुआ.
उसने जल्दी से अपने और दीपा के कपड़े उतार फेंके.
तभी बाहर से सीमा की चीख आई.
अशोक बोला- बाहर तो वार शुरू हो गयी और हम अभी तैयारियों में ही लगे हैं.
दीपा भी उसका लंड चूसना चाह रही थी तो वो नीचे बैठ गयी और थूक लगा लगाकर अशोक का लंड चपड़ चपड़ चूसने लगी.
अशोक को बाद में मनीष ने बताया कि उन दोनों को ही चूत और लंड चुसवाने में बड़ा मजा आता है.
अब अशोक को ये लगने लगा कि दीपा तो उसे मुंह में ही निचोड़ देगी.
तो उसने अपने को छुड़ाया और दीपा को बेड पर झुकाते हुए पीछे से अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया और धक्के देने लगा.
दीपा की कामाग्नि भी पूरी भड़क चुकी थी.
उसे ऐसे चुदाई में मजा नहीं आ रहा था.
उसने अशोक को बेड पर आने को कहा और उसे लिटा कर खुद उसके ऊपर बैठ गयी और अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत में कर लिया.
करने को कर तो लिया अपर जब अशोक ने नीचे से धक्का मारा तो पूरा लंड एक ही बार में दीपा की चूत में बड़ी बेरहमी से घुस गया.
अब दीपा की भी आह निकल गयी पर दीपा की चुदास भड़की हुई थी तो उसने लुड़सवारी शुरू कर दी.
अब अशोक का लंड उसकी बच्चेदानी पर टक्कर मार रहा था.
काफी उछलकूद के बाद जब दीपा थोड़ी थकी तो अशोक ने उसे नीचे पलट दिया और उसकी दोनों टांगें पूरी फैलाकर घुसेड़ दिया अपना मूसल और लगा पेलमपेल करने!
दीपा चुदती हुई शोर बहुत करती थी.
अब बाहर से भी ओह आह और तेज से की आवाजें आने लगीं.
लगता था कि दोनों टीमों का चुदाई का कम्पटीशन हो रहा हो.
कपल स्वैपिंग सेक्स में थक हार कर दोनों और का शोर बंद हो गया.
दस मिनट के बाद सीमा की आवाज आई- मैं पांच मिनट में लाइट जला रही हूँ. कपड़े पहनने हों तो पहन लेना.
चारों ने अपने को व्यवस्थित किया.
मर्दों ने अपना बचा हुआ पेग खत्म किया.
इतनी देर में दीपा वापिस अपनी जींस और टॉप पहन कर और चेहरा ठीक करके आ गयी.
सीमा ने भी अपने को व्यवस्थित कर लिया.
तभी डोर बेल बजी.
डिनर आ गया था.
कपल स्वैपिंग सेक्स कहानी के हर भाग पर आप अपनी राय देते रहिएगा।
पढ़ते रहिये.