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पापा की गर्म साँसों को पुनः जवान किया

बेटी Xxx बाप कहानी में जवान बेटी ने मौज मस्ती के लिए अकेली गोवा जाने के लिए अपने विधुर बाप को कैसे पटाया, उसे अपनी जवानी का जलवा दिखा कर हाँ करवा ली.

हाय दोस्तो, मेरा नाम रागिनी है.
मैं इस जुलाई में 19 साल की हो चुकी हूँ.
ये बेटी Xxx बाप कहानी तब की है जब मैंने पापा से ज़िद की थी कि मुझे अपने बर्थडे पर गोवा जाना है, वह भी सोलो ट्रिप पर.

पापा मुझे अकेले जाने नहीं दे रहे थे क्योंकि उन्हें मेरी बहुत चिंता थी.

अब मैं अपने बारे में बताती हूँ.
मैं 19 की हूँ, लेकिन मेरी बॉडी देखकर कोई भी बोलेगा कि मैं 22 की हूँ.
मेरी बॉडी 34C-28-36 के फिगर वाली है.

काफी ज़्यादा कर्वी हूँ, जैसे ऑवर-ग्लास.
ऑवर-ग्लास के मायने होते हैं कि हिप्स और दूध बड़े बड़े व कमर एकदम पतली.

मेरे लंबे काले बाल हैं और होंठ पिंक हैं.
मुझे देखकर अंकल और बूढ़े लोग दोनों घूरते हैं. कुछ तो अपनी पैंट तक मसलते हैं.

मेरी बिल्डिंग में एक अंकल हैं, उनका नाम राजीव है.
वे मुझे बहुत घूरते हैं और नजरें मिल जाने पर अक्सर मुझसे बातें करने की कोशिश करते हैं.

जब मैं रात में दोस्तों के साथ पार्टी करने जाती हूँ, तो मुझे देखकर कॉम्प्लिमेंट देते हैं- रागिनी, तुम आज रात बहुत हॉट लग रही हो … ज़्यादा ड्रिंक्स करोगी तो मुझे बुला लेना … पिक-अप कर लूँगा!

मैं भी कभी-कभी उनके पास खड़े होकर उनसे फ्लर्ट कर लेती हूँ- हां राजीव अंकल, अगर ड्रिंक ज़्यादा हो गई तो आपको ही याद करूँगी.

जैसा कि मैंने ऊपर बताया कि मैं 19 की हो गई थी, मेरा बर्थडे 19 जुलाई को था.

मुझे अपने बर्थडे पर गोवा जाना था.
मैंने पापा से रिक्वेस्ट की 19 जुलाई को रविवार था. पापा घर पर ही थे और अपने कमरे में बैठे थे.

मेरी मॉम का देहांत हो चुका था, तब से पापा बहुत अकेले हो गए थे.

रविवार की शाम को मैंने सोचा, आज से ही पापा को सिड्यूस करती हूँ.
क्योंकि मैं भी अब जवानी में आ गई थी.

यह सोच कर मैं पापा के कमरे में गई और उन्हें बेड पर बैठा देखा.
मैंने सोचा कि कुछ डीप नेक टॉप और शॉर्ट्स पहन कर जाती हूँ.

मैंने उनके कमरे के दरवाजे पर नॉक किया और उनके पास जाकर उनके सामने बैठ गई- पापा, मुझे बर्थडे पर गोवा जाना है. यहां घर पर सेलिब्रेट नहीं करना है!
पापा- बेटा, मैं तुम्हें अकेली गोवा नहीं जाने दे सकता. वहां बहुत खराब लोग हैं.

मैं- पापा, मैं अब बड़ी हो गई हूँ.
मैं थोड़ा झुकती हुई बोली ताकि मेरी क्लीवेज उन्हें साफ दिखे.

पापा- हां, तू बड़ी हो गई है.
ये कहते हुए उन्होंने अपनी नजरों को मेरे मम्मों पर डाला.
बरबस ही उनकी नज़र मेरी क्लीवेज पर जा पड़ी, वे बोले- पर अकेली नहीं!

फिर मुझे कुछ शरारत सूझी और मैं पापा की गोद में बैठ गई.
उनका पेट मेरे पेट से टच होने लगा.

मैंने प्यार से अपनी बांहें उनकी गर्दन पर रखीं और कहा- आप मेरे साथ चलो अगर आपको मेरी इतनी टेंशन है!

ये एक्शन देखकर पापा की गर्म सांसें मेरी क्लीवेज पर पड़ीं.
उफ्फ … इतनी गर्मी हुई कि क्या बताऊं.

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मेरी पैंटी थोड़ी गीली होने लगी और उन्होंने कहा- बेटी तुम कितनी जल्दी बड़ी हो गई हो!
ये कहते हुए उन्होंने मेरे बालों को उंगलियों से घुमाया.

मैं- कैसे बड़ी हो गई हूँ … बताइए?
मैंने मासूम बनते हुए यह सवाल किया था.

पापा- पहले तुम बच्ची थी. अब 19 की होने वाली हो. बहुत बदल गई हो. तुम्हारी बॉडी भी अब यंग लेडी जैसी हो गई है.
ये सुनते ही मेरी आंखें शर्मा गईं.

उनकी गोद में मुझे थोड़ा एडजस्ट करना पड़ा.

मुझे असहज देखते ही उन्होंने मेरी जांघें पकड़ीं और मुझे ऐसे मूव किया कि मैं उनके लंड पर बैठ गई और मेरी चूत उनके लंड से टच हो गई.

मुझे डर था कि कहीं मेरी जांघों से गीला हिस्सा पापा को पता न चल जाए.

फिर मैंने भी अच्छे से अपनी चूत को उनके लंड पर एडजस्ट किया.

उन्होंने मेरी कमर पकड़ कर, दूसरे हाथ से मुझे सपोर्ट किया- रुको बेटा, वरना गिर जाओगी.
मैं- हिही पापा, आप भी ना … मुझे कभी गिरने नहीं दोगे … ऐसा लगता है.

पापा- कभी नहीं … तू मेरी जान है!
ये सुनते ही मैंने उन्हें गले लगाया- ओव्व पापा.

पापा- आह … मेरी बच्ची!
उन्होंने भी मुझे गले लगाया!

मैंने अपनी क्लीवेज को उनकी छाती पर थोड़ा दबाव देकर प्रेशर दिया और फुसफुसाई.

मैं- क्या मैं हां समझूँ?
पापा- एक शर्त पर!

मैं गले लगना छोड़ती हुई बोली- क्या पापा?
मैं उनकी आंखों में देखने लगी.

पापा- कुछ नहीं.

फिर उन्होंने मुझे साइड में स्लाइड किया और बोले- टिकट बुक करनी है!

जब वे मुझे साइड में बिठाकर जा रहे थे, मुझे उनका कड़क लंड महसूस हुआ तो मेरी चूत में हलचल हुई.

मैंने सोचा कि अब कल पापा के साथ शॉपिंग पर जाऊंगी और बिकिनी खरीदूँगी.
खुशी के मारे मैं भूल ही गई कि वे मेरे पापा हैं और मैं उनकी बेटी हूँ.

मैं अपने रूम में गई और सो गई.

रात को जल्दी मुझे नींद नहीं आई.

पापा मेरे रूम में आए और मेरे पास बैठ गए.
फिर उन्होंने प्यार से मेरे बालों को साइड किया.

मैं वैसे ही लेटी रही.
मेरी क्लीवेज पूरी तरह दिख रही थी, क्योंकि रात को मैं ब्रा नहीं पहनती.

शायद वह मेरे पिंक निप्पलों को भी मेरे नाइटी टॉप में देख पा रहे थे.

थोड़ी देर मेरे बालों को साइड करने के बाद उन्होंने धीरे से अपना हाथ मेरी गर्दन पर ले आए.

मुझे एक हॉट सा सनसनाहट महसूस हुई.
मैं मोन करना चाहती थी पर कर नहीं सकती थी.

कुछ देर बाद वह उठे, मेरे माथे पर एक किस की और अपने रूम में चले गए.

जाते-जाते मेरी ब्रा, जो मैंने खोलकर कुर्सी पर रखी थी, वे उसे उठाकर ले गए.

मैं शॉक में थी कि पापा को मेरे लिए इतना हॉट सनसेशन था.

मैं रात भर सो नहीं सकी.

और देर रात को जब सोई तो सुबह 10 बजे उठी.

मैंने ब्रश किया, फिर नहाने गई.
तब पापा के सारे एक्शन्स मुझे याद आने लगे.

नहाते वक्त मैंने अपनी टांगों के पास ज़ोर से खुद को टच करना शुरू किया.
मैं अपनी जांघों को ज़ोर-ज़ोर से रगड़ने लगी.

सब कुछ याद आने लगा और फिर मुझे होश आया.

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फिर मैं जल्दी से बाहर आई और एक सेक्सी ड्रेस पहनी, जिसमें मेरी क्लीवेज गहरी दिख रही थी और बूब्स के कर्व्स भी.

फिर मैंने पापा के कमरे का दरवाजा खटखटाया- पापा … आप अन्दर हैं?
पापा- हां बेटा, बाथरूम में हूँ. रेडी हो रहा हूँ. एक काम करो … तुम मेरी अंडरवियर दे दो, मैं लाना भूल गया हूँ.

मैं अंडरवियर उठाकर उन्हें देने जा रही थी.
पर मुझे कुछ हॉट सा फील हुआ और मेरी पैंटी गीली हो गई.

फिर मैंने पापा से कहा- चलो शॉपिंग पर चलते हैं, मुझे गोवा के लिए कपड़े लेने हैं.

पापा बाहर आए और मुझे देखकर शॉक हो गए.
उन्होंने मेरी क्लीवेज और कर्वी फिगर देखा और मना ही नहीं कर पाए.
पापा- बस गेट के पास वेट करो, अभी आता हूँ बेटा.

मैंने खुशी से उन्हें ज़ोर से गले लगाया और गाल पर किस किया.
फिर हम दोनों बाहर आ गए.

गेट लॉक करने के वक्त मुझे जानबूझ कर असहजता हो रही थी.

इतने में पापा ने पीछे से मेरी कमर को टच करते हुए मेरी मदद की.
मेरी हिप में उन्होंने अपने लंड का पूरा प्रेशर डाला हुआ था.

वे अपने लंड के उभार को मेरी गांड पर रगड़ने लगे थे.
कहीं न कहीं मुझे भी ये नाटक अच्छा लग रहा था.
हम दोनों लॉक करने में इतने व्यस्त हो गए कि शरीर के साथ क्या हो रहा था, भूल ही गए थे.

पापा- बेटा लॉक थोड़ा टाइट हो गया है, रुको.
वे अपने उभार को पीछे मेरी दरार में रगड़ते हुए हिल रहे थे.

मैं- हां पापा, आप आराम से करो.
मैं हिप पर थोड़ा दबाव बनाकर खड़ी थी!

आखिरकार लॉक हो गया और वे पीछे हट गए.
मेरी ड्रेस हिप के बीच में चली गई थी.

फिर मैंने घूमकर उसे एडजस्ट किया और हम दोनों लिफ्ट में चले गए.
वहां मैंने पापा का हाथ पकड़ लिया.
वे मुझे कार तक ले गए.

उन्होंने जेंटलमैन की तरह कार का गेट खोला और मैं जांघें क्रॉस करके अन्दर बैठ गई.

वे ड्राइवर सीट पर बैठे और हम दोनों मॉल के लिए निकल गए.
रास्ते में वे गियर बदलते वक्त कभी-कभी Xxx बेटी जांघों को टच कर देते, कभी घुटनों को.

मैं अब मासूमियत से एक्ट करती हुई बाहर देखने लगी.
मैं समझ गई थी कि पापा अब भी मुझे छूना चाहते थे.

आखिर मैं इतनी हॉट और कर्वी थी, कोई भी मर्द संयम नहीं कर पाता.

मॉल पहुंच कर मैंने पापा से फुसफुसाते हुए कहा- पापा, सब आपको देख रहे हैं. आप आज सेलिब्रिटी हो.
पापा- बेटा, मेरे साथ मेरी गर्लफ्रेंड जो है!

ये कहते ही उन्होंने मेरी कमर पर हाथ रख दिया.
मैं- हिही पापा … आप भी ना!

मैं भी मस्त कमर हिलाती हुई चल रही थी.

धीरे-धीरे मैंने नोटिस किया कि पापा का हाथ मेरी गांड के उभार पर था.
मुझे बहुत हॉट फील हो रहा था.

फिर मैं पापा को लॉन्जरी सेक्शन में ले जाने वाली थी.
लेकिन वे शर्माकर रुक गए.

पापा- तुम जाओ.
मैंने कहा- आप मेरे बीएफ हो, आप आ सकते हो!

ये सुनते ही वे मुस्कुराए और मेरी कमर को ज़ोर से खींचकर चलने लगे.
इस बार उनका हाथ मेरी गांड की गोलाई पर था.

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वहां की वर्कर ने मेरे पापा को देखकर पूछा- सर मैम का साइज़ बता दो, अभी हनीमून पैक निकाल देती हूँ.
पापा और मैं हम दोनों हंसने लगे और पापा बोले- हां भई 34C दे दो.

मैं शॉक हो गई कि पापा को मेरा साइज़ कैसे पता था!
फिर याद आया कि उस रात पापा मेरी ब्रा ले गए थे, शायद इसलिए.

मैंने एक बिकिनी भी ली और पापा से कहा- आपके लिए एक सरप्राइज़ है, जो मैं आपको गोवा में दूँगी.
फिर हम दोनों जब बाहर जा रहे थे, वहां काफी भीड़ हो गई थी.

पापा मुझे प्रोटेक्ट करने के लिए पीछे आ गए.
इस बार उनकी जांघें मेरी गांड पर दब रही थी, जैसे वह कमर पकड़ कर मेरी पिछाड़ी में लंड घुसेड़ने की कोशिश कर रहे हों.

मैं भी उन्हें मज़ा दे रही थी और उनका हाथ अपने पेट पर रगड़ रही थी.

करते-करते हमें फील हुआ कि Xxx बाप का लंड मेरे चूतड़ों के बीच में आ चुका था.

फिर उन्होंने धीरे-धीरे यह बार बार किया और 20 मिनट बाद हम दोनों मॉल से बाहर आ गए.

उस समय लगने वाली देरी ने पापा को परेशान नहीं किया था बल्कि उन्हें इससे मजा आया था.

हम दोनों ने एक-दूसरे का चेहरा नहीं देखा और कार में बैठ गए.

रास्ते में पापा ने कहा- रागिनी, तुम बड़ी हो गई हो. तुम समझ सकती हो कि मॉल में जो हुआ, वह भीड़ की वजह से हुआ!
मैं- हां पापा कोई बात नहीं. मैं अब लेडी हूँ और जीएफ-बीएफ के बीच ये कॉमन है.

ये सुनते ही पापा खुश हो गए और बोले- अच्छा जीएफ जी!
मैंने जांघें क्रॉस की इससे मेरी ड्रेस एकदम से ऊपर को सरक गई.
मैं उन्हें अपनी नग्न टांगें दिखाती हुई बोली- हां जी बीएफ जी!

फिर हम दोनों अगले दिन एयरपोर्ट के लिए निकल गए.

उधर मैंने पापा को अपना ब्वॉयफ्रेंड बनाया और उनके साथ इस तरह से सेक्स किया कि उन्हें कोई अपराध-बोध हुआ ही नहीं.

दरअसल पापा और बेटी का रिश्ता तो इस तरह के संबंधों को मंजूरी नहीं देता है लेकिन पापा की वासना को शांत करने के लिए एक लड़की या औरत की जरूरत थी.
बल्कि मैं यूं कहूँ कि उन्हें शारीरिक सुख से भी ज्यादा एक ऐसा रस मिलना जरूरी था जो निस्वार्थ प्रेम के साथ साथ कामवासना पूर्ति भी करता हो.

उसके साथ ही मैं भी जवान हो गई थी, तो मुझे भी अपनी वासना को शांत करने के लिए एक मर्द की जरूरत थी.
हम दोनों ने एक दूसरे की मदद की और आगे का जीवन आनन्द से बिताने लगे.

यदि आप लोग चाहेंगे तो मैं सेक्स कहानी को जरूर लिख सकती हूँ … लेकिन मर्द और औरत के बीच का सेक्स तो आपको इधर भरा हुआ ही मिल जाएगा.
बेटी Xxx बाप कहानी पर आपके कमेंट्स के लिए मैं बेहद उत्साहित हूँ.
चाहे आप बुरा कहें या अच्छा … लेकिन कहें जरूर.

आपकी रागिनी
bk5943200@gmail.com

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