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पापा के बॉस ने गोवा में धकापेल चोदा- 3

हैलो फ्रेंड्स, मैं नेहा एक बार पुनः आपके सामने अपनी चुदाई की कहानी के साथ हाजिर हूँ.
कहानी के दूसरे भाग
पापा के बॉस के साथ लक्ज़री होटल के कमरे में
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मेरे पापा के दोस्त रेड्डी अंकल मुझे गोवा ले आए थे और मुझे चोदने की तैयारी में थे. मैं बिस्तर पर नंगी पड़ी थी और अंकल के मूसल लंड को देख कर हैरान थी.

अब आगे Xxx बॉस फक स्टोरी:

अंकल के उस भीमकाय लंड को देखते ही मैं अन्दर से डर गई कि इतना बड़ा और मोटा लंड मेरी चूत में कैसे जाएगा.

अंकल तुरंत बिस्तर पर आ गए और मुझे अपनी बांहों में लेकर पूरे बिस्तर पर पलटी खाने लगे.
कभी वह मेरे ऊपर तो कभी मैं उनके ऊपर.

फिर अंकल ने मुझे लिटा दिया और मेरे पैरों के पास बैठ गए.

उन्होंने मेरे दोनों घुटनों को पकड़ा और एक झटके में मेरे दोनों पैरों को फैला दिया.
पहले पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को सहलाया और पैंटी की डोरी को खींचकर पैंटी निकाल दिया.
उन्होंने मुझे पूरी तरह से नंगी कर दिया.

जैसे ही अंकल ने मेरी पैंटी निकाली, मेरी फूली हुई चूत को देखकर उनके मुँह से निकला ‘वाओ …’

इसके बाद अंकल चूत में हाथ लगाते हुए चूत को सहलाया और उंगलियों से चूत को फैलाते हुए मेरी चूत में झुक गए.

अब वे अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटने लगे और मैं मचलने लगी ‘आअह्ह्ह आअह्ह्ह …’

मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं और चुत चुसवाने के मजे का आनन्द लेने लगी.

रह रहकर मेरी चूत से गाढ़ा चिपचिपा पानी निकल रहा था और अंकल उस चिपचिपे पानी को चाटते जा रहे थे.

अंकल लगातार मेरी चूत को चाटने के साथ साथ मेरी जांघों को सहला रहे थे.

कुछ ही देर में मेरी चूत ने जवाब दे दिया और मैं झड़ गई.
अभी भी अंकल लगातार मेरी चूत चाट रहे थे और जल्द ही मैं दुबारा से गर्म हो गई.

मुझे लग रहा था कि कितनी जल्दी अंकल मुझे चोद दें क्योंकि अब मेरी चूत में ऐसा लग रहा था … जैसे हजारों चीटियां काट रही हों. मेरे पूरे बदन के रोंए खड़े हो गए थे और दोनों दूध के निप्पल बिल्कुल टाइट हो गए थे.

मैं इतनी ज्यादा उत्तेजना से भर गई थी कि अपनी गांड को हवा में उठाने लगी थी और ऊपर नीचे करती हुई अंकल से अपनी तप्त चूत चटवा रही थी.

अब मुझसे सहन नहीं हो रहा था और मैं अंकल के सर को पकड़ कर चुत से हटाने लगी.
अंकल मेरी भावनाओं को समझ गए और उन्होंने मेरी चूत चाटना बंद कर दिया.

अब अंकल मेरे ऊपर आ गए और मेरे गाल को चूमते हुए बोले- तुम तैयार हो न?
मैंने शर्माते हुए अपना चेहरा उनकी नजरों के सामने से हटा लिया.

अंकल ने मेरी दोनों टांगें फैला दीं और वे मेरी दोनों टांगों के बीच आ गए.

उनका लंड बिल्कुल मेरी चूत के ऊपर ही था और मैं अपनी आंख बंद किए उनके लंड को महसूस कर रही थी.

थोड़ी देर मेरे निप्पलों को चूसने के बाद अंकल ने लंड को चूत के छेद में सैट किया और अपने दोनों हाथ मेरी गांड के नीचे लगाकर मेरी गांड को जकड़ लिया.

अंकल ने लंड में जोर लगाना शुरू किया और लंड मेरी चूत को फैलाता हुआ अन्दर जाने लगा.

जैसे ही लंड का सुपाड़ा चूत में घुसा, मुझे अहसास हो गया कि अंकल का लंड लेना मेरे लिए इतना आसान नहीं होने वाला है.
उनका लंड वाकयी इतना मोटा था कि उस लौड़े के लिए मेरी चूत का छेद बिल्कुल टाइट था.

मोटे सुपाड़े के अन्दर जाते ही मेरे मुँह से निकला- ऊऊऊ ई मम्मीई ईईई …

इतने में अंकल ने मुझे अपने नीचे दबा लिया और गांड को जोर से जकड़ कर धीरे धीरे करके पूरा लंड चूत में डाल दिया.

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मैं दर्द से कराह उठी- आआ आह आआआह अंकल बहुत दर्द हो रहा है आ आआह!

अब अंकल ने आधा लंड बाहर निकाला और फिर से अन्दर तक पेल दिया.
इसके बाद अंकल थोड़ी देर तक ऐसे ही करते रहे.

जब उनका लंड आसानी से अन्दर बाहर होने लगा और मेरा दर्द भी शांत हो गया तो अंकल ने अपने दोनों हाथ मेरी पीठ पर लगाकर मुझे अपने सीने से चिपका लिया और अपनी रफ़्तार तेज करने लगे.

जल्द ही उनकी रफ़्तार इतनी तेज हो गई कि बिस्तर का पूरा गद्दा जोर जोर से हिलने लगा और उनके धक्के की चोट से चट चट की आवाज से मेरा पेट बजने लगा.
उनके धक्के लगातार मेरे पेट पर लग रहे थे और पूरा कमरा चट चट की आवाज से गूंज रहा था.

हालांकि अब मुझे भी मजा आ रहा था और पहली बार मेरी चूत में इतना लम्बा मोटा लंड गया था.

दस मिनट की चुदाई के बाद ही मैं झड़ गई लेकिन अंकल लगातार मुझे चोद रहे थे.

अंकल इतनी तेजी से मुझे चोद रहे थे कि उनके मुँह से ‘आअह्ह्ह आह आह’ की आवाज निकल रही थी.

उन्हें चोदते हुए करीब 15 मिनट हो चुके थे लेकिन वे अभी भी नहीं झड़े थे जबकि मेरा बॉयफ्रेंड 3 से 4 मिनट में ही अपना पानी निकाल देता था.

अंकल की इस धुआंधार चुदाई से मेरा पूरा बदन पसीने से भीग गया था और मैं जोर जोर से चीख रही थी- आअह आ अह आअह मम्मीईई उईई ईई आअह्ह् आह … बस्स आअह्ह्ह नहींईई अह्ह्ह बस करिये आअह!

अंकल का लंड लगातार मेरी चूत को फाड़े जा रहा था और अंकल झड़ने का नाम नहीं ले रहे थे.

इस बीच मैं फिर से झड़ गई और इस बार झड़ने में मुझे सबसे ज्यादा मजा आया.

मैंने अंकल को जोर से जकड़ लिया और उनसे एकदम से चिपक गई.

मेरी गांड अपने आप ही हवा में उठ गई और नीचे से मैं भी धक्के लगाने लगी.

आधा घंटा की लगातार चुदाई के बाद अंकल भी झड़ गए और उन्होंने अपना पूरा पानी मेरी चूत में ही डाल दिया.

अंकल के गर्म पानी के अहसास से मुझे बहुत ज्यादा मजा आया और मैं अंकल को जकड़ कर उनसे चिपकी रही.

अंकल भी मुझे जोर से जकड़े हुए थे और लंड का एक एक बूंद पानी मेरी चूत में डाल रहे थे.

Xxx बॉस फक में हम दोनों फुल एसी के बावजूद पसीने से भीग गए थे और दोनों जोर जोर से हांफ रहे थे.

अंकल मुझे ऐसे ही जकड़े हुए लेटे रहे और कुछ देर बाद लंड अपने आप ढीला होकर मेरी चुत से बाहर निकल आया.

लंड के बाहर आते ही मुझे ऐसा महसूस हुआ कि मेरी चूत का छेद अभी भी खुला हुआ है क्योंकि गर्म चूत में ठंडी हवा का अहसास हो रहा था.

इसके बाद अंकल पलट कर लेट गए और मैंने चादर से अपने नंगे बदन को ढक लिया.

ये मेरे और अंकल की पहली चुदाई थी और पहली बार में ही अंकल ने मेरी हालत खराब कर दी थी.

करीब आधा घंटा आराम करने के बाद अंकल ने मुझे फिर से अपनी बांहों में खींच लिया.
अंकल ने फिर से मुझे गर्म किया और मेरी चुदाई शुरू कर दी.

उस चुदाई में अंकल ने मुझे अलग अलग पोजीशन में चोदा.
कभी घोड़ी बनाकर, कभी गोद में उछाल उछाल कर, कभी खड़ी करके तो कभी मुझे अपने ऊपर लेकर.

हमारी दूसरी चुदाई भी करीब 40 मिनट चली, जिसमें मैं 2 बार झड़ी.
इसके बाद तो सुबह 4 बजे तक अंकल रुक रुक कर मेरी चुदाई करते ही रहे.

उस रात हमने 4 बार चुदाई की.

मैं बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी और चौथी चुदाई के बाद मेरी इतनी भी हिम्मत नहीं हुई कि मैं बाथरूम जा सकूँ.

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फिर कब मेरी आंख लग गई, इसका पता ही नहीं चला.

सुबह जब मैं उठी तो 11 बज चुके थे.
मैंने देखा तो अंकल और मैं पूरे नंगे बदन ही सोये हुए थे और पूरे बिस्तर में चुदाई का पानी लगा हुआ था.

मैं उठी और गाउन पहन कर बाथरूम में चली गई और नहा धोकर फ्रेश हो गई.

फिर अंकल भी उठे और फ्रेश होकर तैयार हुए और हम दोनों गोवा घूमने के लिए निकल पड़े.

शाम को बाहर से ही खाना पीना खाकर हम दोनों होटल आए.
और आज साथ में ही बार में बैठकर हम दोनों ने वाइन पी और 9 बजे अपने कमरे में आ गए.

आज अंकल ने कल से भी ज्यादा पी ली थी और मुझे भी बहुत न/शा लग गया था.

रूम में आते ही हम दोनों ने कपड़े बदले और मैं गाउन पहन कर अंकल के साथ बिस्तर पर बैठ गई.
अंकल ने मुझे तुरंत खड़ी किया और मेरा गाउन निकालकर दूर फेंक दिया.
वे बोले- तुम मेरे साथ जब तक हो, तब तक ऐसी ही नंगी रहो!

इसके बाद वे भी अपने कपड़े निकाल कर पूरे नंगे हो गए और मुझे अपनी जांघ पर बैठाकर अपना लंड मेरे हाथों में थमा दिया.
मैं भी उनके लंड को सहलाने लगी और जल्द ही उनका लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया.
इस बीच अंकल लगातार मेरे दोनों दूध को चूसते रहे और उन्होंने मुझे अपने पैर के पास बैठा दिया.

उनका लंड मेरे चेहरे के सामने ही था और मैं उनके लंड को चूमने लगी.
उनके लंड से बहुत ही गंदी पर मादक गंध आ रही थी.

मैं बस अपने होंठों से लंड को चूम रही थी लेकिन अंकल ने मेरे सर को पकड़ा और अपना लंड जबरदस्ती मेरे मुँह में डाल दिया.

वे खड़े होकर मेरे मुँह को ही चोदने लगे.
उनका लंड इतना लम्बा था कि गले के नीचे तक जा रहा था और मुझे ऐसा लग रहा था कि मुझे उल्टी हो जाएगी.

अंकल लगातार जोर जोर से मेरे मुँह को चोदे जा रहे थे और कुछ मिनट में ही उन्होंने अपना पूरा पानी मेरे मुँह के अन्दर ही डाल दिया.

मैं उनका लंड मुँह से निकालने की कोशिश करती रही लेकिन अंकल ने मेरे सर को जोर से पकड़ रखा था और वे अपने लंड की एक एक बूंद मेरे मुँह में डाल कर ही माने.

न चाहते हुए भी मुझे Xxx बॉस के लंड का पानी गटकना पड़ा.

जैसे ही अंकल ने मुझे छोड़ा मैं भागकर बाथरूम गई और अपने मुँह को साफ की.

बाथरूम से आने के बाद मैं जैसे ही अंकल के पास गई, उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गए.

हम दोनों एक दूसरे के बदन को चूमने चाटने लगे.

कभी मैं अंकल के ऊपर आती तो कभी अंकल मेरे ऊपर आ जाते.

उस वक्त अंकल ने मेरे दोनों दूध की हालत खराब कर दी थी. वे बुरी तरह मेरे चूचों को चूस और दबा रहे थे.

इसके बाद जब हम दोनों ही बहुत ज्यादा गर्म हो गए तो अंकल ने मेरी चुदाई शुरू की.

आधा घंटा तक अंकल मुझे बुरी तरह चोदते रहे और मैं 2 बार झड़ चुकी थी लेकिन अभी भी अंकल का पानी नहीं निकला था.

फिर अंकल ने मुझे पलट दिया और मुझे पेट के बल लिटा दिया.

अब अंकल मेरी पीठ को चूमते हुए नीचे तक जा पहुंचे और दोनों हाथों से मेरी गांड को फैला दिया.

अंकल ने मेरे गांड के छेद में थूक लगाया और अपना लंड उसमें लगाने लगे.

लेकिन मैंने उन्हें रोक दिया, मैं बोली- नहीं नहीं अंकल, वहां नहीं … वहां मैं नहीं सह पाउंगी!
अंकल- कुछ नहीं होगा तुम बस लेटी रहो.

मैं बार बार मना करती रही लेकिन अंकल मुझे गांड चोदने के लिए मनाते रहे.

इसके बाद किसी तरह मैं यह सोच कर तैयार हो गई कि मैं एक बार तो अपने ब्वॉयफ्रेंड से गांड मरवा ही चुकी थी … तो गांड फटने की उम्मीद कम ही थी.

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अंकल ने खूब सारा थूक मेरी गांड में लगाया और अपना लंड छेद में लगाकर मेरे ऊपर लेट गए.

अंकल ने अपने दोनों हाथों को मेरे नीचे करते हुए दोनों मम्मों को जकड़ लिया और लंड पर हल्का सा जोर दिया.
जैसे ही अंकल ने लंड पर जोर लगाया उनका सुपाड़ा गप्प से गांड में घुस गया.

‘उउउ मम्मीईई!’ मैं छटपटा गई और उनसे छूटने की कोशिश करने लगी.
लेकिन अंकल ने मुझे बुरी तरह जकड़ लिया और मैं केवल पैर ही हिला पा रही थी.

धीरे धीरे करते हुए अंकल ने अपना पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया और चुपचाप मेरे ऊपर लेट गए.

मैं बेहद दर्द से कराह रही थी ‘आआह अंकल छोड़िये आह मैं नहीं सह पाउंगी … आआह अंकल प्लीज निकाल लीजिये!’

लेकिन अंकल बिल्कुल भी मेरी बात नहीं माने और तब तक लंड डाले रहे जब तक मेरी गांड का छेद ढीला नहीं हो गया.

अब अंकल ने धीरे धीरे लंड आगे पीछे करना शुरू किया.
शुरू में मुझे दिक्कत हो रही थी क्योंकि उनका लंड काफ़ी मोटा था और गांड के छेद में बुरी तरह से रगड़ खा रहा था.

फिर उनका लंड आसानी से अन्दर बाहर होने लगा और मुझे भी मजा आने लगा.

जल्द ही अंकल ने अपनी रफ़्तार तेज कर दी और उनका लंड गपागप मेरी गांड में जाने लगा.

उनके धक्के तेजी से मेरे चूतड़ों पर पड़ रहे थे और थप थप थप की जोरदार आवाज कमरे में गूंजने लगी.
जल्द ही अंकल ने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरी कमर को पकड़ कर बुरी तरह से मेरी गांड चोदने लगे.

फिर अंकल ने अपना एक हाथ मेरी चूत पर लगाया और अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में डालकर आगे पीछे करने लगे.

अब मैं दोनों तरफ से चुद रही थी. मेरी गांड में उनका मोटा लम्बा लंड था तो चूत में उनकी दो उगलियां चल रही थीं.

मैं बुरी तरह से ‘आअह आअह्ह् आअह्ह उउ उउ मम्मी आह …’ कर रही थी.

अंकल बिना रुके मुझे बुरी तरह से चोद रहे थे और दस मिनट की चुदाई के बाद मैं तीसरी बार भी झड़ गई.

इस बार मैं इतनी बुरी तरह से झड़ी कि पूरे बिस्तर पर मेरी चूत का पानी गिरता रहा और अंकल फिर भी मुझे चोदते रहे.

कुछ देर बाद अंकल भी मेरे गांड के अन्दर ही झड़ गए और मेरे ऊपर ही लेट गए.

कुछ देर बाद उनका लंड ढीला होकर अपने आप गांड से बाहर निकल आया और मेरी गांड से गर्म गर्म पानी बाहर निकलने लगा.
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे अभी भी मेरा छेद खुला हुआ ही है.

Xxx बॉस फक के कुछ देर बाद हम दोनों उठे और बाथरूम जाकर साथ में ही पेशाब करने लगे.
इसके बाद अंकल ने उस रात भी 4 बार मेरी चुदाई की.

अगले दिन हम दोनों कहीं भी घूमने नहीं गए और पूरा दिन रुक रुककर चुदाई होती रही.

उस दिन हमने बाथरूम में नहाते हुए भी चुदाई की और दिन रात मिलाकर 9 बार मेरी चुदाई हुई.

इसके बाद मेरी बिल्कुल भी हिम्मत नहीं बची थी.
हम दोनों 4 दिन गोवा में रुके और अंकल ने मुझे चुदाई का वह मजा दिया जो शायद उससे पहले मुझे पता भी नहीं था.

गोवा से आने के बाद कई बार अंकल मुझसे मिलने आते हैं और मैं घर में कोई न कोई बहाना बनाकर उनसे होटल में मिलती हूँ.

दोस्तो, आप लोगों को मेरी ये सच्ची Xxx बॉस फक स्टोरी कैसी लगी … उम्मीद है पसंद आई होगी.
प्लीज जरूर बताएं.
sonamvarma846@gmail.com

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