दोस्त की बीवी और माँ की एक साथ चुदाई

दोस्तो, मेरा नाम आदिल है और मेरी उम्र 25 साल है.

आज से कुछ साल पहले मैंने अपने दोस्त की बीवी और माँ को चोदा था, ये उसी की Xxx मुम्बई सेक्स कहानी है, जिसे आज मैं आप लोगों से साझा करना चाहता हूँ.
उस वक्त अभी शादी नहीं हुई थी और मैं मुंबई में अकेला ही रहता था.

उधर ही एक लड़का मेरा दोस्त बन गया था. उसका नाम अरमान था.
वह और मैं, हम दोनों मुंबई में एक ही कंपनी में काम करते थे.

अरमान एक अमीर लड़का था. उसके मुंबई में कुछ दुकानें और एक खुद का घर भी था.
उसे पैसे की कोई कमी नहीं थी.

दो साल पहले एक सड़क दुर्घटना में उसके अब्बू का इंतकाल हो गया था.
अब वह अपनी अम्मी व बीवी के साथ रह रहा था.

हम दोनों एक साथ काम करते थे.
हम जो भी बात करते, खुलकर करते थे. हम दोनों में कोई शर्म या झिझक नहीं थी.

कभी-कभी मैं अरमान के घर उसी के साथ जाया करता था.
उसी दौरान मेरी अरमान की बीवी और माँ से अच्छी-खासी दोस्ती हो गई.

अरमान की अम्मी की नजरों में मुझे एक अजीब सी खलिश दिखाई देती थी.
मैं सोचता था कि उनकी जिंदगी में अभी रोमांस की कमी रह गई है शायद.

इस बाबत मैंने अपने दोस्त से चर्चा करने की कोशिश की.
पर फिर न जाने क्या सोच कर रह गया.

कुछ दिन बाद अरमान को दुबई से जॉब का ऑफर आ गया और उसकी कंपनी से वीजा भी आ गया.
अब अरमान दुबई जाने की तैयारी करने लगा.

दुबई जाते वक्त उसने मुझसे कहा- मेरे घर आते जाते रहना. मेरी माँ या बीवी को किसी चीज की जरूरत हो, तो प्लीज उन्हें ला देना.
मैंने उससे ओके कहते हुए कहा- तू किसी बात की फिक्र न कर यार मैं सब देख लूँगा.

फिर मैं अरमान के साथ मुंबई एयरपोर्ट गया.
उसकी माँ और बीवी भी साथ में थीं.

उसे दुबई रवाना करके हम सब वापस आ गए और अरमान की माँ व बीवी को उनके घर छोड़ कर मैं अपने घर चला आया.

दो दिन बाद मुझे किसी काम से चेन्नई जाना पड़ा.
उधर कुछ ऐसा फंसा कि सीधा एक महीने बाद मुंबई वापस आ पाया.

इस बीच फोन से बात होती रहती थी.
अरमान की माँ और उसकी बीवी से भी बात कर लेता था.

वापस मुंबई आकर मैंने सोचा कि क्यों न अरमान के घर हो आऊं.
मैं अरमान के घर गया.

अरमान की माँ ने मुझे खूब सुनाई- तुम अरमान के दोस्त हो! इतने दिनों बाद हमारी खैर लेने आए हो! मैं रोज मर मर कर जीती रही.
उनके मुँह से यह सुनकर मैं हैरान रह गया कि आंटी यह क्या बात कर रही हैं.

मैंने कहा- ऐसी कोई बात नहीं है … मैं भी कुछ काम से चेन्नई गया था, इसलिए नहीं आ पाया!

यह सुनकर अरमान की अम्मी मुझसे चिपक गईं.
उनका इस तरह से मुझसे चिपक जाना पहले तो मुझे सामान्य लगा.
मैंने भी उन्हें अपने सीने से चिपका लिया.

मगर जैसे ही आंटी मेरे सीने से चिपकीं तो मुझे उनके दूध अपने सीने में किसी महबूबा के दूध के जैसे गड़ते महसूस हुए.
उनकी गर्म सांसें मेरी गर्दन पर मुझे कामुक करने लगी थीं.

सच में उनके इस तरह से चिपकने का असर मुझे कुछ ऐसा हुआ कि मेरा लंड फूलने लगा.

जैसे ही मेरे लौड़े ने अपनी सख्ती का अहसास आंटी को करवाया तो वे खुश हो गईं और उन्होंने मेरे गाल पर चूम लिया.

अब तो उनका एक हाथ मेरे लंड की तरफ भी बढ़ने लगा.
मैं उनसे अलग होने की कोशिश करने लगा.

तभी अरमान की बीवी भी मेरे साथ पीछे से चिपक गई.
अब मैं दो प्यासी औरतों के बीच में अकेला मर्द था.

अरमान की बीवी मेरे कान में सरगोशी करती हुई बोली- हमें कहीं घुमा लाओ न … बारिश का मौसम है, ऐसे में घूमने में मजा आएगा!
यह सुनते ही आंटी ने मेरे लंड को पकड़ लिया और बोलीं- आह … यह भी तो भूखा है न … इसे भी हम दोनों की प्यासी जवानी की आग बुझाने में चैन मिल जाएगा.

मैं हैरान था.

अब इधर से कुछ ऐसी घटना होने वाली है जिसे पढ़ कर आपको मजा आएगा; आपकी टांगों के बीच के अंग में पानी आने लगेगा.
इसलिए आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अरमान की माँ और बीवी की जानकारी देता हूँ.

अरमान की बीवी का नाम है शमा.
उसका फिगर है 34-28-36.

और अरमान की माँ का नाम अनारा है. उसका फिगर है 40-34-44 का है.
शमा की उम्र 22 साल है और अनारा की उम्र 42 साल है.

जब उन दोनों ने मुझे गर्म कर दिया तो मैं भी यह सोचने लगा कि जब ये दोनों ही रंडियों की भाषा बोल रही हैं तो मुझे क्या परेशानी है.
तब भी मुझे इन दोनों सास बहू की आग कैसे भड़क रही है और ये दोनों एक दूसरे से इतनी कैसे खुल गई हैं, यह जानकारी करना जरूरी थी.

मैं उन दोनों के साथ चूमाचाटी करने लगा और उनके साथ कहीं बाहर घूमने जाने की बात करने लगा.
अब हम तीनों अलग हो गए थे और बात करने लगे थे.

अनारा आंटी मेरे लिए चाय बनाने लगी थी और शमा मेरी गोदी में बैठ कर मुझसे सेक्सी बातें करने लगी थी.
मैंने शमा से पूछा- तुम दोनों सेक्स में ओपन हो क्या?

वह हंसती हुई बोली- हां, जब घर में लंड नहीं है तो हम दोनों एक दूसरे की चुत चाट कर प्यास बुझाती हैं.
मैं सब समझ गया था कि Xxx मुम्बई सेक्स का मामला काफी संगीन है. इन दोनों को चोदना अकेले मर्द का काम नहीं है, इसके लिए मुझे गोली का सहारा लेना पड़ेगा.

फिर चाय पीते पीते हम तीनों कहीं घूमने जाने का सोच रहे थे.
उन दिनों बारिश भी बहुत तेज हो रही थी.
हम तीनों ने फैसला किया कि खंडाला जाएंगे.

हम उसी वक्त बारिश में खंडाला के लिए तैयार हो गए.
फोन से खंडाला में होटल में रूम ले लिया.

उधर जाकर हम तीनों एक ही रूम में रहने वाले थे.
मैंने एक टैक्सी बुलाई और हम लोग चल पड़े.

रास्ते में मैंने सेक्स की गोली का एक पैक ले लिया और शराब की दो बोतलें भी ले लीं.
सिगरेट व नमकीन भी रख लिया.

उधर पहुँच कर मैंने कमरे में चेक-इन किया और शराब की बोतल खोल कर पैग लगाने शुरू किए.

पहले ही पैग के साथ मैंने एक गोली खा ली थी.

अभी हम तीनों के दो दो पैग ही हुए थे कि तभी तेज बारिश होने लगी.

बारिश का मजा लेने हम होटल की टेरेस पर चले गए.
टेरेस पर बारिश में भीगकर मजा लेने लगे.

हम तीनों बारिश और ठंडी-ठंडी हवा का मजा ले रहे थे.
मैं चड्डी में था, शमा पेटीकोट और ब्लाउज में थी और अनारा भी पेटीकोट और ब्लाउज में थी.

ठंडी हवा से वे दोनों मुझसे चिपक गईं.

उनके चिपकते ही मेरे अन्दर गर्मी आ गई.
मैंने शमा के चूतड़ों को दबाना शुरू कर दिया.

शमा ने दोनों हाथ मेरे गले में डालकर मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया.
मैं भी शमा के चूतड़ों को दबाकर उसके होंठों का रस पी रहा था.

फिर धीरे-धीरे मैंने शमा की चूची दबाना शुरू कर दिया.
शमा ने ब्लाउज उठाकर अपनी एक चूची मेरे मुँह में दे दी.

मैं उसकी चूची चूसने लगा.

वह मजे से मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूची पर दबा रही थी.
ये सारा माजरा अनारा देख रही थी.

शमा ने मेरी चड्डी में हाथ डाल कर मेरा आठ इंच लंबा और खीरे सा मोटा लंड पकड़ लिया.
वह मेरे लौड़े को मसलने लगी.

यह देखकर अनारा को भी जोश आने लगा.
वह मेरे पीछे आकर मेरे चूतड़ों पर अपनी चूत रगड़ने लगी और मेरे सीने को दबाने लगी.

मैं समझ गया कि आग दोनों तरफ बराबर लगी है!
बारिश धीमी-धीमी गिर रही थी.

शमा मुझे लेकर नीचे लेट गई.
मैं शमा की दोनों चूचियों को दबा रहा था.
फिर मैंने शमा की चूची को बारी-बारी से चूसना शुरू किया.

धीरे-धीरे मैं अपना मुँह शमा की नाभि के पास लाया और उसकी नाभि को चाटने लगा.
शमा ‘हहहह!’ की आवाज निकाल रही थी.

मैंने शमा के पेटीकोट का नाड़ा खोला और पेटीकोट नीचे खींच दिया.
वह ‘हहहह!’ कर रही थी.

अनारा यह सब देखकर मेरी पीठ पर हाथ फेर रही थी.

टेरेस पर ही मैंने शमा के पेटीकोट को नीचे करके उसकी चूत पर हाथ फेरना शुरू किया.

अब शमा पूरे जोश में थी.
मैंने उसे पूरी तरह नंगी कर दिया.

अब वह टेरेस के पानी में मछली की तरह फड़फड़ाने लगी.
बारिश धीमी-धीमी हो रही थी.

अनारा ने मेरी चड्डी में हाथ डालकर मेरे चूतड़ दबाने शुरू कर दिए.
इधर मैं शमा की चूत पर हाथ घुमाता रहा.

अनारा ने मेरी पूरी चड्डी उतार दी.

अब मैं शमा के ऊपर पूरी तरह नंगा हो गया.

मैंने शमा का पेटीकोट उसकी टांगों से हटा कर अलग कर दिया और उसकी टांगें फैलाकर उसकी चूत को चाटने लगा.
उसकी चूत से निकला हुआ गर्म-गर्म पानी मैं कुत्ते की तरह चाट रहा था.

तब तक अनारा ने अपने कपड़े उतार दिए और अपनी चूत को शमा के मुँह पर रख दिया.
शमा अपनी सास अनारा की चूत चाट रही थी.

मैंने शमा की टांगें ऊपर उठाकर अपना आठ इंच लंबा लंड शमा की चूत में घुसेड़ दिया.
शमा ‘अअअ!’ करके चिल्लाने लगी.

मैं शमा को झटके मारकर चोद रहा था.
शमा अनारा की चूत चाट रही थी.

अनारा अपनी चूत से गर्म-गर्म पानी की धार शमा के मुँह पर मार रही थी.

मैं शमा को चोदते-चोदते अनारा की मौसमी जैसे कड़क चूचियों को दबाकर चूस रहा था.
दवा के असर से काफी देर तक हचक कर चोदने के बाद मेरे लंड का पानी शमा की चूत के अन्दर ही झड़ गया.

शमा भी दो बार झड़ चुकी थी.
अब दोनों ने अपने-अपने कपड़े पहने और रूम की तरफ बढ़ने लगे.

रूम में जाकर हम तीनों ने फिर से अपने कपड़े उतारे और पलंग पर बैठ गए.
शमा बोली- आदिल भाई, आज तुमने मुझे चोदकर बहुत मजा दिया! मुझे अरमान भी ऐसे नहीं चोदता. तुमने तो मेरी चूत की पूरी खुजली मिटा दी!

यह सुनकर मैं खुश हो गया.

मैं अनारा की मौसमी जैसे चूचियों को दबा रहा था और चूस रहा था.
अनारा की चूत से पानी झड़ने लगा.

मैं धीरे-धीरे अनारा की नाभि पर अपनी जीभ लगा कर रस चाटने लगा.

फिर धीरे-धीरे मैं अनारा की चूत की तरफ बढ़ने लगा.
अनारा अपनी टांगें फैलाकर चूत को उंगली से सहला रही थी.

मैंने अपना मुँह अनारा की चूत के दाने पर रखकर चाटना शुरू किया.

कुछ ही देर में अनारा ने अपनी चूत से गर्म-गर्म पानी की धार मेरे मुँह पर मारी.
मैं कुत्ते की तरह चाट रहा था.

कुछ देर चाटने के बाद मैंने अपना आठ इंच लंबा लंड अनारा की चूत में एक ही झटके में घुसा दिया और झटके मारकर चोदने लगा.
कुछ देर में मेरे लंड का पानी अनारा की चूत में निकल गया.

इस तरह सास और बहू की चुदाई खत्म हुई.

अब हम तीनों का यह खेल खुलकर चलने लगा.
अनारा अपनी बहू के साथ मिलकर मुझसे चुदवाती और अपने घर में एक मर्द की कमी को मेरे लौड़े से पूरा करती.

मुझे भी एक बड़ी उम्र वाली औरत की और एक मस्त जवान चुत का स्वाद मिलने लगा था.

दोस्तो, आपको मेरी यह Xxx मुम्बई सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
yusuf1188994@gmail.com

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