हॉट मॅाम सन चुदाई कहानी में मैं अपने शौहर से चुदती थी तो हमारी औलाद देखती थी. मेरे शौहर दुबई चले गए तो मुझे लंड की कमी हो गयी. मेरे शौहर का बेटा जवान हो चुका था.
मेरे अज़ीज़ दोस्तो, मैं हुस्नआरा बेगम हूँ, मेरी उम्र 40 साल है.
मैं बिहार की रहने वाली हूं.
मेरी गांड का साइज 42 इंच और चूचियों को मैं 36 नंबर की ब्रा से बांधती हूँ.
मेरी चमड़ी एकदम गोरी है.
यह हॉट मॅाम सन चुदाई कहानी मेरे सौलेते बेटे के साथ मेरी चुदाई की है.
मेरे दो बेटे हैं.
एक बेटा और एक बेटी सगे है.
जबकि बड़ा बेटा मेरे शौहर की पहली बेगम का लड़का है.
बड़ा वाला बेटा आज 22 साल का है और दूसरा बेटा 20 का है.
जबकि मेरी बेटी 19 साल की है.
बड़े बेटे का नाम इरफान है, छोटे का सुफीयान और बेटी के नाम सूफिया है.
मैं बहुत बड़ी रंडी हूँ.
मैं अपनी बुर 18 साल की उम्र से चुदवा रही हूं.
अब तक कई लड़कों और रिश्तेदारों के लौड़ों से चुद चुकी हूं और आज भी चुदती रहती हूँ.
मेरे शौहर भी मुझे बड़ी तबीयत से चोदते हैं.
वे मेरे मुँह में अपना पूरा लंड गले तक डाल कर चोदते थे.
पर अब वे दुबई चले गए हैं और वहीं जॉब करते हैं.
आजकल वे मुझे वीडियो कॉल से वहीं से चोदते हैं.
जब मेरे शौहर मेरी चुदाई करते थे, तब मेरे ब/च्चे छोटे थे.
उस वक्त हम सब यानि मैं मेरे शौहर और मेरी तीनों औलादें एक ही रूम में सब साथ में सोते थे.
मेरी चुदाई देख देख कर मेरी औलादें जवानी की दहलीज पर आईं.
यह मुझे इसलिए मालूम है कि मैं और मेरे शौहर चुदाई के वक्त अपने बच्चों को जागता हुआ देखते थे.
मैं कई बार अपने शौहर को रोकने की कोशिश करती थी लेकिन न तो मेरा अधूरी चुदाई का मन करता था और न ही मेरे शौहर को खड़ा लंड पौंछना पसंद था.
इसलिए हम दोनों बिना किसी शर्म के अपनी औलादों के सामने अपनी चुदाई जारी रखते थे.
मेरे शौहर भी कहते थे कि आज नहीं तो कल इन्हें भी तो यही सब करना है.
मैं भी हंस कर चुप रह जाती थी और चुदती रहती थी.
एक बार की बात है. मेरे हसबैंड जब मुझको चुदाई के लिए गर्म कर रहे थे तो उसी बीच उन्होंने पुरानी चलन वाला एक रुपए का सिक्का मेरी गांड डाल दिया.
वे बोले- मैंने तुम्हारी गांड में सिक्का डाल दिया है!
मैं घबरा कर बोली- अरे यह क्या किया … उसे निकाल लो!
उन्होंने कहा- ठीक है … अभी निकाल लूँगा!
जब सुबह उठी और हगने गई तो मुझे खुले में जाना पड़ा.
उस समय मेरे घर टॉयलेट नहीं था, मेरे घर के बगल हम लोगों का ही खेत था, उसी में जाकर मैं हग रही थी.
मेरा बड़ा बेटा भी मेरे पास ही बैठ कर हग रहा था.
वह बोला- अम्मी, रात वाला पैसा तो आपकी गांड से नहीं निकला?
मैंने पूछा- कैसा पैसा?
उसने कहा- वही वाला जो अब्बू ने रात में आपकी गांड में डाला था!
मैंने उससे पूछा- तू सोया नहीं था क्या?
तो उसने कहा- नहीं.
मैंने उसे डांटा कि यह सब देखना अच्छी बात नहीं होती है.
फिर कुछ देर बाद जब वह सिक्का निकल आया तो मैंने राहत की सांस ली.
ऐसे ही एक दिन की और बात है, मेरे शौहर मेरे पेटीकोट को उठा कर मेरी चूत में उंगली कर रहे थे और चूत को चाट भी रहे थे.
यह मेरे बड़े बेटे ने भी देख लिया था.
दूसरे दिन बेटे ने मुझसे पूछा- अम्मी अब्बू रात में आपका पेटीकोट उठा कर क्या कर रहे थे … कई बार अब्बू आपको अपने नीचे करके आपको दबाते है और आप ऊ ई ऊ ई ई ऊ उफ फाड़ दो भी कहती हो … और उस समय पलंग भी हिलता है.
मैं सन्न थी.
वह बोलता जा रहा था- अम्मी, एक बार आप कुतिया भी बनी थीं और अब्बू आपकी कमर को पकड़ कर आगे पीछे कर रहे थे. उस वक्त भी आप बोल रही थीं कि फाड़ दो मेरी गांड और चूत … उसके बाद आप आह सीई उफ उहु कर रही थीं. एक बार आपने अब्बू के लंड को मुँह में लिया था.
मैंने उस दिन उसे बहुत डांटा.
मेरे शौहर दुबई से फोन कर रहे थे.
उस दिन उन्होंने फोन सेक्स पर मुझे चोदा और गर्म करके छोड़ दिया.
उसके बाद मैंने अपनी चूत में उंगली डाल कर खुद शांत किया और सो गयी.
उस वक्त मेरे बेटे की उम्र अठारह साल की हो गई थी.
उस रात मैं सो गई थी.
मेरा बेटा मेरे ऊपर आ गया और उसने मेरी नाभि में अपना लंड डाल कर ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया था.
मैं एकदम से उठी और मैंने उससे कहा- यह क्या कर रहे हो?
वह डर गया.
मैं उस वक्त बहुत चुदासी थी तो मुझे उसका लंड पसंद आ गया था.
मैंने उससे कहा- ये नाभि है, इधर नहीं डाला जाता है. लंड तो चूत में पेलते हैं!
उसने कहा- वह किधर है?
मैंने कहा- मेरी चूत इसके नीचे है.
उसने मेरी चूत हाथ से टटोल कर ढूंढने की कोशिश की मगर उसे छेद नहीं मिला.
अब मैंने अपने हाथ से उसके लंड को पकड़ कर अपनी चूत में लगाया और और उससे कहा- यह है वह छेद जिधर से तू निकला था. तुम्हारा लंड तुम्हारे अब्बू से छोटा है. मगर तब भी काम करेगा.
लंड छोटा है, यह सुनकर वह टेंशन में आ गया.
मैंने कहा- अभी तुम पेलो … बाद में जब तुम अब्बू के बराबर हो जाओगे, तो तुम्हारा भी बड़ा हो जाएगा.
उसने लंड अन्दर पेला तो शायद उसके लंड का तागा टूट गया था.
उसने कहा- अम्मी, मेरे लंड में जलन हो रही है.
मैंने कहा- हां पहली बार है न … तो थोड़ी देर तक जलन होगी, बाद में नहीं होगी.
कुछ देर बाद उसने कहा- अम्मी, अब मुझे मजा आ रहा है.
उसके बाद उसे पेशाब लगी तो उसने कहा.
मैं समझ गई कि यह झड़ने वाला है.
मैंने उससे कहा- उसी में कर दो!
उसने कहा- नहीं हो रही है.
वह इतना कह कह लंड को मेरी चूत से निकाल कर बाहर चला गया और जाकर पेशाब करने लगा.
उसके बाद मैंने कहा- अब तो पेशाब हो गई न … अब आ फिर से मेरी चूत में लंड डाल.
उसने ज़ैसे ही अपना लंड मेरी चूत में डाला, उसे फिर से पेशाब लग आई.
मैंने कहा- ठीक है बेटा सो जा तू … अभी इतना काफी है!
वह सो गया.
मैंने रसोई से लंबा बैंगन लिया और अपनी चूत में डाल कर चूत की गर्मी शान्त की.
झड़ कर मैं सो गई.
उसके बाद मेरा बड़ा बेटा हर रात मेरे सो जाता और अपने दोनों भाई बहन के सो जाने के बाद वह कभी मेरे पेटीकोट को मेरी कमर तक उठा देता था, तो कभी नाड़ा खोल कर उसे टांगों से अलग कर देता था और मुझे गर्म कर देता था.
उस दिन के बाद से उसने मुझे चोदा नहीं था तो मैं भी उसकी हरकतों को अनदेखा करके सोती रहती थी.
अक्सर मैं जब सुबह उठती तो देखती मेरी पेटीकोट मेरी कमर में नहीं रहता, वह कहीं दूर पड़ा होता.
मैं सुबह उठ कर पेटीकोट को उठा कर पहन लेती.
मैं मन ही मन इरफान की हरकतों को देख कर खुश होती रहती.
ऐसे ही समय बीतता गया.
अब मेरा बड़ा बेटा एक मूसल लंड वाला गबरू जवान हो गया था.
हम दोनों एक ही बेड पर सोते थे.
वह रोज रात को मेरी चूत को चाट कर रस चूसने में लगा था.
मुझे भी चूत चुसवाने में मजा आता था तो उससे कुछ नहीं कहती थी.
मैं उसके सामने ऐसा जाहिर करती थी मानो मैं सो रही हूँ और मुझे उसकी हरकत का कुछ भी पता नहीं है.
बाद में मैंने अपने छोटे बेटा और बेटी को अपने भाई के घर भेज दिया था.
वे दोनों वहीं रहते हैं. घर में जगह की कमी की वज़ह से मुझे अपनी आग शांत करने में दिक्कत होने लगी थी.
अब तो घर अच्छी हो गई है, ज़ब से मेरे हसबैंड ने दुबई से पैसे भेजना शुरू कर दिया है.
खैर … मैं अपनी कहानी पर आती हूं.
अब मेरा बड़ा बेटा इरफान जवान हो गया है.
एक दिन की बात है. उस समय मेरा महीना चल रहा था.
मैं अपनी चूत में कपड़ा लगाई हुई थी.
उस रात को जब मुझको पेशाब लगी, तो मैं उठ कर पेशाब करने गई.
मैंने देखा कि मेरी चूत में कपड़ा नहीं है तो मैं समझ गयी कि यह इरफान का काम है.
इसी तरह किसी दिन उसे चूत से खेलना नहीं मिलता था, उसे चूसना नहीं मिलता था तो वह मायूस हो जाता था.
मैं भी उससे मुँह फेर कर सो जाती थी.
इरफान मानता नहीं था और मेरे हाथ से अपने लंड की मुठ मरवाने लगता था.
मैं सब करती रहती.
कभी कभी जब मैं मुठ नहीं मारती तो वह मेरी गांड की दरार में या टांगों के बीच में चूत से रगड़ता हुआ अपना लंड घिसता रहता और मेरी टांगों में ही अपने लंड का पानी छोड़ देता.
मैं भी अब अपने बेटे के साथ पूरी तरह से खुल गई हूँ.
एक दिन मैं उसकी चड्डी और कपड़े धो रही थी वह मेरे पास नहा रहा था.
उसकी चड्डी में उसका वीर्य लगा हुआ था.
मैंने उससे कहा- ये क्या है?
वह चुप रहा.
मैंने कहा- ऐसे ही मेरे पेटीकोट में भी कभी लगा रहता है, तेरे लंड का पानी है न ये?
इरफान हंस कर बोला- आप पियोगी मेरे लंड का पानी?
मैं चुप रह गई थी.
उसने मेरे सामने अपने लंड को हिला हिला कर पानी निकालना शुरू कर दिया.
मैं उसके हैवी लौड़े को देख कर हैरान थी और उसके लौड़े को चूसना चाहती थी मगर न जाने क्यों चुप रह गई.
कुछ देर बाद उसके लंड से माल का छींटा मेरे मुँह पर आ पड़ा और बाकी कई जगह पर भी पड़ा.
वह बोला- अम्मी चाट कर देख … मस्त लगेगा!
इरफान हँसता हुआ चला गया तो मैंने उसके वीर्य को उंगली से उठा कर चाट लिया.
सच में बड़ा दमदार माल था मेरे बेटे का.
रात को जब हम दोनों सोने गए तो मैंने इरफान से कहा- बेटा, आज तू अपनी अम्मी की खुल कर प्यास बुझा दे .. क्योंकि तेरे अब्बू दुबई में हैं वे वीडियोकॉल पर मेरी गर्मी शांत नहीं कर पाएंगे.
मैंने खुले तौर पर हॉट मॅाम सन चुदाई की बात कह दी थी.
मेरे बेटे ने कहा- जब मैं जवान हुआ ही था, तभी आपने मेरे लंड को अपनी बुर में ले लिया था और उसी वक्त से मैं आपको सोते समय चोदने की सोचता रहता हूँ. पर मैंने कभी आपको उस दिन के बाद से नहीं चोदा, जिस दिन आपने मुझे कुछ कह दिया था.
मैंने कहा- मैंने ऐसा क्या कह दिया था?
वह बोला- अम्मी मुझे आपकी एक बात कभी नहीं भूलती है. वह यह कि आपने कहा था कि मेरा लंड मेरे अब्बू से छोटा है. आज आपने दिन में साफ साफ देख लिया है कि अब यह लंड नहीं, लौड़ा है.
पाठकों को बता दूं कि अब इरफान का लंड 8 इंच लम्बा है और 3 इंच मोटा है.
जबकि उसके अब्बू का लंड 5 इंच लम्बा है और मोटा सेम है.
मेरे बेटे ने खड़े होकर अपना लंड खड़ा किया और मुझसे पूछा- देखो अम्मी और बताओ कि किसका लंड बड़ा है?
मैंने कहा- तेरा! अब गुस्सा छोड़ दे और आ जा मुझे चोद दे बेटा!
उसके बाद उसने मुझे नंगी किया, मेरी चूचियों को खूब दबाया और चूसा.
वह एक को दबाता था तो एक को चूसता था.
उसने मेरी चूचियों को दबा दबा कर लाल कर दिया था.
उसके बाद वह मेरे मुँह में अपना लंड पेल कर चुसवाने लगा, मेरे बदन को चूमने लगा, मेरी चूत में उंगली करने लगा.
फिर इरफान ने अपना लंड मेरी चूत में रगड़ा और पेल दिया.
मेरे मुँह से सच में तेज आह ऊँह की आवाज़ निकलने लगी थी.
इरफ़ान का आधा से ज्यादा लंड मेरी चूत में था.
अगले झटके में उसने पूरा लंड मेरे अन्दर पेल दिया था और मुझे रफ्तार से चोदने लगा था.
जल्दी ही इरफान अपनी कमर हिला हिला कर चोदने लगा और उसने मुझे खूब मजा दिया.
दस मिनट में ही वह मेरी चूत में फारिग हो गया.
मैं उस रात अपने सौतेले बेटे से 2 बार चुदी.
अगली सेक्स कहानी में मैं बताऊँगी कि मैं अपने बेटे से कैसे कैसे चुदी.
आप सब बताएं कि मेरी यह हॉट मॅाम सन चुदाई कहानी आपको कैसी लगी.
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