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ट्रेन में मिले टीसी ने होटल में मुझे चोदा

चुदाई कहानी में मैं ट्रेन में सफर कर रही थी. वहां टीटी ने मेरी जवानी देख मुझे फर्स्ट क्लास में बिठा दिया. वो भी वहीं लेट गया. हम दोनों की सेटिंग हुई और उसने मुझे होटल लेजा कर चोदा.

दोस्तो, मेरा नाम गुड़िया है. मैं दिल्ली के आनंद बिहार में रहती हूँ. मेरे पति एक एमएनसी में नौकरी करते हैं.
हमारी शादी को 14 साल हो चुके हैं और हमारा एक बेटा है, जो अब 12 साल का है.

मेरे पति ज्यादा सेक्सुअली एक्टिव नहीं हैं.
हम दोनों महीने में बस 2-3 बार ही सेक्स करते हैं.

ये चुदाई कहानी उस समय की है, जब मेरा बेटा चार साल का था लेकिन वह अभी भी मेरा दूध पीता था

मुझे अपने घर लखनऊ जाना था, तो मैं अकेली ट्रेन से जा रही थी.

मेरे पास थर्ड एसी का टिकट था.
मैंने साड़ी पहनी थी और उस दिन नेट की साड़ी में मेरा फिगर बहुत सेक्सी दिख रहा था.
ट्रेन हजरत निजामुद्दीन से निकल चुकी थी.

मैंने डिनर का ऑर्डर किया और अपने बेटे को अपनी सीट पर सुला दिया.
मैं भी निचली सीट पर साड़ी में ही सोने जा रही थी.

तभी एक स्टेशन आया और सामने वाली सीट पर एक 40 साल का टीसी आया. उसने कहा- ये सीट खाली है, मैं यहीं सोऊंगा.
मैंने कहा- ठीक है. हालांकि मुझे अपने बेटे के साथ सोने में थोड़ी असहजता होगी, लेकिन मैं अडजस्ट कर लूँगी.

अब मेरा बेटा और मैं एक ही सीट पर थे.
मुझे नहीं पता था कि आगे क्या होगा.

फिर टीसी बोला- फर्स्ट एसी में एक कूपा खाली है. आप अपने बेटे को लेकर वहां लखनऊ तक आराम से सोती हुई चली जाइए.
पहले तो मैंने मना किया लेकिन बाद में मान गई.

उसने मेरा सामान लिया और मुझे फर्स्ट एसी में शिफ्ट कर दिया.
पूरा कूपा खाली था और सीटें भी बहुत आरामदायक थीं.

मुझे वहां अच्छी नींद आई.

सुबह जब मैं उठी, तो ट्रेन लखनऊ से 2 घंटे दूर थी.
तभी टीसी आया और उसने कहा- गुड मॉर्निंग मैडम.

मैंने उसे धन्यवाद बोला.
उसने मुस्कुराते हुए कहा- धन्यवाद से काम नहीं चलेगा. आप मुझे कुछ …

मैंने उसकी बात को समझ लिया और अपने पर्स से 1000 रुपये निकाल कर उसे दे दिए.
उसने 500 रुपये और माँगे, लेकिन मैंने मना कर दिया.

अब वह मुझसे बातें करने लगा.
मैंने उससे कहा- आप जब तक यहां बैठे हैं, तब तक मेरे बेटे को देख लीजिए. उतनी देर में मैं फ्रेश हो आती हूँ.
उसने हामी भर दी.

मैं फ्रेश होने वॉशरूम गई.
वहां साड़ी उतार कर पेटीकोट और ब्लाउज में फ्रेश हुई.

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फिर सोचा कि अब साड़ी नहीं पहनूँगी. तो मैंने वापस साड़ी लपेटी और कूपे में आकर अपने बैग से जींस और टॉप निकाला, नई ब्रा-पैंटी भी निकाली और तौलिया लेकर वॉशरूम चली गई.

वह यह सब देख रहा था.

वॉशरूम में मैंने सारे कपड़े उतार दिए, सिवाय ब्रा-पैंटी के.
तभी टीसी की आवाज आई- मैडम, आपका बेटा रो रहा है!

मैंने कहा- प्लीज, उसे मेरे पास लेकर आ जाइए.
तब तक मैं नहा चुकी थी और पूरी नंगी थी.

टीसी ने दरवाजा खटखटाया.
मैंने जल्दी से जींस पहनी और लॉक खोला.

मेरी ब्रा पूरी भीग चुकी थी.

टीसी मुझे देखकर बोला- सॉरी!
मैंने कहा- प्लीज, 2 मिनट बाद इसे सीट पर ले जाइए. मैं इसे दूध पिला देती हूँ तो यह चुप हो जाएगा.
वह बोला- ओके!

मैंने गेट लॉक करके अपने बेटे को दूध पिलाया और उसे टीसी की गोद में दे दिया.
वह मेरी भीगी ब्रा को देखकर हंस रहा था, उसे हंसता देख कर मैं भी मुस्कुरा दी.

वह चला गया.

मैंने नहाकर जींस और टॉप पहना और वापस सीट पर आ गई.

टीसी फिर आया और बोला- मैं भी लखनऊ जा रहा हूँ, किसी काम से. क्या आप किसी होटल के बारे में जानती हैं?
मैंने उससे कहा- हां आप चाहें तो मेरे साथ चल सकते हैं.

वह भी राजी हो गया.
मैंने उसे अपने साथ ऑटो में ले लिया.
ऑटो में सामान होने की वजह से जगह कम थी.

मेरे मोटे नितंब, जो जींस में और भी सेक्सी लग रहे थे, उसकी जांघ के ऊपर थे.

रास्ते में मैंने उसके लंड के उभार को भी महसूस किया. उसने मेरे स्तनों को भी हाथ से छुआ.
मेरे निपल्स तंग होकर खड़े हो गए.

उसके लौड़े का उभार साफ दिख रहा था.
इससे मुझे भी चुदाई का मन होने लगा.

उसका शरीर बहुत मजबूत था.
मैं उसकी मर्दानगी को अपने बिस्तर पर महसूस करना चाहती थी.
उसके लंड को अपने कोमल शरीर पर रगड़ना चाहती थी.
पूरी नंगी होकर उसके साथ कंबल में सोना चाहती थी और उसके मोटे औजार को अपनी नंगी टांगों के बीच में महसूस करना चाहती थी.

यह सब सोचकर मैं गर्म हो गई थी.

तभी ऑटो वाले ने एक होटल के सामने रोक कर कहा कि यह होटल देख लीजिए … यह बढ़िया है!
वह उतर कर गया और एक कमरा बुक करके आ गया.

फिर उसने मुझे अपने कमरे में चाय के लिए बुलाया.
मैं आ गई और उसने चाय मंगवाई.

हम दोनों बिस्तर पर बैठकर चाय पीने लगे.
उसकी बातों में एक अपनापन था.

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मुझे उसके साथ एक ही बिस्तर पर उसका पूरा अहसास चाहिए था.

चाय पीते-पीते वह मेरे बेटे के साथ खेलने लगा.
मेरा बेटा मेरे दूध निकाल कर पीने लगा.

टीसी अब मस्त नजरों से मुझे दूध पिलाता हुआ देख रहा था.

वह बोला- सही से पिला दो न!
मैं भी उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दी और जानबूझ कर अपना टॉप उतार दिया.

मैंने उससे कहा- दरअसल मेरी ब्रा टाइट है न … तो दूध पिलाने में दिक्कत हो रही है. क्या मैं इसे भी निकाल दूँ?
वह उठकर जाने लगा.

मैंने उसे रोक लिया और मुस्कुराते हुए कहा- आप यहीं बैठे रहो.
वह हंसकर वहीं बैठ गया.

मैंने अपनी ब्रा उतार दी.
मेरे स्तन बड़े-बड़े होकर उसके सामने फुदकने लगे थे.

मेरे नग्न दूध देख कर उसका लंड उफान मारने लगा.

मैंने पूछा- तुम्हारी बीवी नहीं है?
उसने कहा- वह गांव में रहती है.
उसने मेरे बेटे को गोद में ले लिया और मेरा फोन लेकर उसे यूट्यूब पर शॉर्ट फिल्म दिखाने के लिए साइड में बिठा दिया.

मेरा बेटा फोन देखने लगा.
टीसी बोला- यार, दो साल से मैंने किसी औरत को छुआ नहीं है, आज आपका सेक्सी बदन देखकर मुझसे रहा नहीं जाता है … अगर …

यह सुनते ही मैंने उसकी बाकी की बात पूरी होने से पहले तुरंत अपने होंठ उसके होंठों से लगा दिए.

वह भूखे कुत्ते की तरह मेरे होंठ चूसने लगा, मेरे गाल चाटने लगा और अपने मजबूत हाथों से मेरे चूतड़ दबाने लगा.

हम दोनों खड़े होकर एक-दूसरे को चूम रहे थे.
उसका लंड मेरी चूत को टच कर रहा था.
उसने मेरी गांड के छेद में जींस के अन्दर करके उंगली डाल दी.

मैं बहुत गर्म हो चुकी थी.
मुझे लग रहा था कि अभी उसका लंड मेरी चूत फाड़ देगा.

उसने मुझे पेट के बल लिटा दिया और मेरे उभरे हुए मोटे-मोटे चूतड़ों को जींस के ऊपर से ही काटने लगा.

मैंने भी जींस का बटन खोल दिया
तभी मेरे पति का फोन आ गया.
मैंने ट्रेन लेट होने का बहाना बना दिया.

तब तक टीसी ने मुझे पूरी नंगी कर दिया था.

मैंने कहा- जल्दी से मेरी प्यास बुझा दो, राजा!
उसके मजबूत शरीर ने मुझे पूरा मसल दिया था.

जैसे ही उसने अपना लोअर उतारा और उसका लंड एकदम से मेरे सामने किसी अजगर की तरह लहराने लगा.
मैं उसके मोटे लंड को देख कर समझ गई कि आज चुत का भोसड़ा बनने में कसर नहीं रहने वाली है.

वह अपने लौड़े को मेरे चूतड़ों पर फिराने लगा.
मैं पागल हो गई.

उसका लंड लोहे की रॉड जैसा था.
मैंने पीठ के बल लेटकर अपनी टांगें उसके मजबूत कंधों पर रख दीं.

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उसके लंड से प्री-कम बहुत निकल रहा था और मेरी चूत उसके लंड को निगलने के मचली जा रही थी.

जैसे ही उसके लंड का सुपारा मेरी चूत में घुसा, मैं जोर से चिल्ला उठी- आह जोर से चोद दे मुझे!
उसका 6 इंच का लंड मेरे प्राण निकाल रहा था, लेकिन मुझे चुदाई का भूत सवार हो गया था.

मैं अपनी दर्द भरी आवाज निकाल रही थी और उसके लंड को अन्दर लेती जा रही थी.
पूरा कमरा हम दोनों की आवाजों से गूँज रहा था.

मेरा बेटा फोन में ईयरफोन लगाए हुए था.
उस मर्द टीसी के झटकों से मैं काफी सुकून महसूस कर रही थी.
जल्दी ही मैं चरम सुख के करीब आ गई थी.

हम दोनों मिशनरी पोजीशन में चुदाई कर रहे थे.
उसने मेरे होंठों को अपने दांतों से काटना शुरू कर दिया.

मैं उत्तेजना से कांपने लगी और मेरी चूत से पेशाब जैसा कुछ बहने लगा.

मैं थक कर एकदम से शिथिल हो गई लेकिन उसका लंड मेरी चूत में झटके मार रहा था.

कुछ देर बाद उसने अपना लंड निकाला और मुझे डॉगी स्टाइल में करके मेरी चूत चोदने लगा.
मेरी चूत में उसके लंड के तेज धक्कों की आवाज गूँज रही थी.

फिर उसने अपनी पिचकारी मेरे चूतड़ों के ऊपर छोड़ दी.

हम दोनों 15 मिनट में ही शांत हो गए.
उसने जल्दी से टिश्यू पेपर लिया और मेरे चूतड़ों पर लगे अपने स्पर्म को साफ कर दिया.

HindiXxx चुदाई करने के बाद अब हम दोनों उठे.

उसने मेरे बेटे को प्यार से किस किया.
मैंने अब साड़ी पहन ली क्योंकि मेरी जींस उसके थूक से पूरी गीली हो चुकी थी.

मेरा बेटा बोला- मम्मा, अंकल आपको क्यों मार रहे थे? वह आपको किस क्यों कर रहे थे?
मैंने बस मुस्कुरा दिया और सामान लेकर अपने घर पहुंच गई.

घर पहुंचने के बाद भी मेरा बेटा बोला- मम्मा, जब अंकल आपको किस कर रहे थे और आपकी पैंट चाट रहे थे, तब मैंने वीडियो बना लिया था.
मैंने उससे फोन लिया और देखा तो पूरा 12 मिनट का वीडियो था!

मैंने उस चूत चुदाई वीडियो को सिक्योर फोल्डर में डाल दिया.
आज भी जब मैं उस वीडियो को देखती हूँ, तो अपनी चूत में उंगली कर लेती हूँ.

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