लड़की की गांड चुदाई कहानी में सामान्य सेक्स से विरक्ति होने लगी तो मैंने अपनी बीवी को कुछ नया करने का सुझाव दिया. मैंने उसकी गांड मारने की कोशिश की.
मेरा नाम करण है।
मैं गुजरात का रहने वाला हूँ।
मेरी उम्र 35 साल है और मैं शादीशुदा हूँ।
यह मेरी पहली स्टोरी है; लड़की की गांड चुदाई कहानी!
शादी के इतने सालों बाद मेरी पत्नी काजल को सेक्स में इंटरेस्ट कम हो गया था, पर मुझे तो हमेशा की तरह सेक्स का भूत सवार रहता था।
मैं सेक्स में नए-नए तरीके की तलाश में रहता था।
एक दिन मैंने काजल से गांड चुदाई की बात की.
पर वो मान नहीं रही थी।
थोड़ा ना-नुकुर करने के बाद मैंने उसे ये कहकर मना लिया कि अगर ज्यादा दर्द हुआ तो हम नहीं करेंगे।
ये हमारा पहला गांड चुदाई का मौका था तो मैंने कोई कसर नहीं छोड़ी।
पहले उसको पूरी तरह गर्म करके उसकी गांड में अच्छे से तेल और वैसलीन लगाकर उंगली से उसकी गांड की मसाज करने लगा।
शायद उसे भी मजा आने लगा था।
फिर मैंने अपने लंड पर तेल लगाया और धीरे-धीरे डालना शुरू किया.
पर गांड बहुत टाइट थी, तो जा ही नहीं रहा था।
बार-बार फिसलकर चूत में चला जाता था।
कुछ देर की मेहनत के बाद मेरे लंड का टोपा उसकी गांड में झटके से फिसलकर चला गया।
वो जोर से चिल्लाई, “आह!”
मैंने सब्र से काम लिया और बहुत देर तक लंड को बिना हिलाए उसे सहलाता रहा।
दो-तीन मिनट बाद वो थोड़ी रिलैक्स हुई।
तब मैंने दूसरा झटका मारा और पूरा तेल से सना लंड गांड की जड़ तक चला गया।
काजल बहुत जोर से चीखी, “बहुत दर्द हो रहा है! प्लीज निकाल दो!”
पर मेरा ये पहला अनुभव था लड़की की गांड चुदाई का।
गांड बहुत टाइट थी तो मुझे बहुत मजा आ रहा था।
वो छटपटा रही थी … पर मैं लगा रहा।
उसकी आँखों में आँसू आ गए।
इतनी देर में मेरे लंड का फव्वारा उसकी गांड के अंदर ही छूट गया।
आह आह करते हुए ये पहला गांड चुदाई का कार्यक्रम पूरा तो हुआ, पर काजल को बहुत दर्द हुआ।
वो दो दिन तक ठीक से चल भी नहीं पा रही थी क्योंकि मेरा लंड 3 इंच मोटा और 6 इंच लंबा है।
उसके बाद काजल ने कई दिनों तक मुझे गांड में करने नहीं दिया।
पर मुझे अब गांड में ज्यादा मजा आने लगा था।
एक दिन मौका देखकर मैंने फिर से काजल से गांड चुदाई के लिए पूछा।
उसने साफ मना कर दिया और गुस्से से बोली, “तुम कभी गांड मरवा के देखो, पता चलेगा कितना दर्द होता है!”
मैंने कहा, “मजा ही आएगा यार! तुम डरो मत, हम इस बार और भी आराम से और प्यार से करेंगे!”
पर वो मान ही नहीं रही थी।
हम नॉर्मल चुदाई करके सो गए.
पर मेरे दिमाग में ये बात घुस गई कि गांड में एक बार लेकर देखा जाए कि लगता कैसा है।
कुछ दिनों बाद मैंने काजल से कहा, “मैं भी गांड में लेने को तैयार हूँ! तुम भी बाद में लेना!”
वो बोली, “तुम कैसे और किसका लोगे?”
मैंने कहा, “एक मस्त मूली लेकर आओ!”
क्योंकि मेरे दिमाग में ये सब था तो मैं दिन में ही बाजार से लंड के साइज की मूली लेकर आया था।
वो मुझसे बोली, “रहने दो, ये सब बहुत दर्द करता है!”
पर मैं भी कहाँ मानने वाला था।
काजल फ्रिज से नॉर्मल साइज की मूली लेकर आई।
फिर मैंने उससे कहा, “तुम मेरी गांड में वैसलीन अच्छी तरह से लगा दो, अंदर तक!”
उसने उंगली में वैसलीन लेकर मेरी गांड के छेद पर लगाई।
फिर धीरे-धीरे उंगली से मेरी गांड के अंदर तक मसाज करने लगी।
उसने धीरे-धीरे पूरी उंगली मेरी गांड में डाल दी।
मुझे सच में बहुत मजा आ रहा था।
काजल समझ गई कि मुझे मजा आ रहा है तो वो भी उंगली गोल-गोल घुमाकर मेरी गांड को उंगली से ही चोदने लगी।
मैं तो बिल्कुल स्वर्ग में था।
अब मैंने गांड चुदाई करवाते-करवाते मूली पर कंडोम लगाया।
फिर काजल से बोला, “अब इसे मेरी गांड में आराम-आराम से डालो!”
उसने मूली पर कंडोम के ऊपर से वैसलीन लगाकर मेरी गांड के छेद पर रखा और बोली, “अब भी रहने दो! गांड के छेद में मूली बहुत मोटी है, अंदर नहीं जाएगी!”
पर मैं नहीं माना और उसके सामने दोनों टाँगें उठाकर कहा, “तुम धीरे-धीरे डालो! मुझे दर्द होगा तो मैं बोलूँगा, तुम रुक जाना!”
वो भी इस प्रक्रिया में बोर हो रही थी।
उसने अनमने मन से हाँ बोला और मूली मेरी गांड में घुसाने लगी।
अभी तो बस गांड के छेद पर थोड़ी ही घुसी कि मुझे तेज दर्द हुआ।
मैं कुछ कहता, उसके पहले ही काजल ने थोड़ी ताकत से मूली को अंदर डाल दिया और मेरी गांड फट गई!
मैं चीखना चाहता था, पर मैं काजल को नहीं बताना चाहता था कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है।
मैंने कंट्रोल किया और आवाज दबा दी।
पर वो अपनी मस्ती में मूली को घुमा-घुमाकर गांड की चुदाई करती रही।
मैं सहन करता रहा और तब समझ में आया कि गांड मरवाने में कितना दर्द होता है।
पर अब मेरी गांड का छेद थोड़ा खुल गया, तो मुझे मजा आने लगा था और मैं आहें भरने लगा।
वो भी मजा लेने के लिए मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी, तो मेरा दर्द अब मजे में बदल गया।
मुझे अब बहुत मजा आ रहा था तो मैंने उससे कहा, “और अंदर तक आराम से डालो!”
उसने मूली को गांड के अंदर डालना शुरू किया।
धीरे-धीरे धक्के लगाते हुए पूरी मूली मेरी गांड में सेट हो गई।
मुझे बिल्कुल चुदाई का मजा आ रहा था।
पर अब मेरी टाँगें दर्द करने लगी थीं तो मैंने काजल से कहा, “पोजीशन बदलने को!”
वो बोली, “कुतिया बन जाओ!”
मैं गांड में मूली लिए ही कुतिया बन गया और अब काजल मुझे पीछे से मूली घुसाकर चोद रही थी।
ये सब करते हुए 15 मिनट हो गए।
मेरा लंड भी बहुत कड़क हो गया और मेरा माल निकलने लगा।
मैं उसे कंट्रोल नहीं कर पाया और मेरा पूरा पानी निकल गया।
इस तरह मैंने पहली बार अपनी ही वाइफ से गांड मरवाई।
अगली कहानी में बताऊँगा कि कैसे पहली बार ओरिजनल लंड से गांड मरवाई।
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