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मेरी मम्मी की अन्तर्वासना

Xxx मम्मी सेक्स कहानी में मेरी विधवा मम्मी के कई सेक्स कारनामे मैंने अपनी आँखों से देखे. पापा के जाने के बाद मम्मी ने कई मर्दों से अपनी प्यास बुझाई.

दोस्तो, मेरा नाम निखिल सोनी है। मैं कानपुर का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 21 साल है।

आज मैं आपको अपनी Xxx मम्मी सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ।

मैं अपनी मम्मी अमिता सोनी के साथ रहता हूँ।
मेरे डैड नहीं हैं।

मम्मी की उम्र 42 साल है लेकिन इस उम्र में भी वो बहुत सुंदर दिखती हैं।
उनका रंग गोरा है, भरा हुआ बदन है और बड़ी-बड़ी गोल चूचियाँ हैं।
मम्मी बहुत सीधी-सादी महिला हैं और अपने काम से काम रखती हैं।

ये बात एक साल पहले की है, जब मैं और मम्मी मामा जी के घर दिल्ली जा रहे थे।
हमारी ट्रेन शाम 7 बजे थी।

दिसंबर का महीना था और बहुत ठंड थी।
हम लोग घर से 6 बजे निकल गए।

उस दिन मम्मी ने हल्की लाल साड़ी और ऊपर से सफेद स्वेटर पहना हुआ था।
गले में एक माला थी, और वो बहुत सेक्सी लग रही थीं।

हम लोग स्टेशन पहुँच गए।
करीब एक घंटे बाद हमारी ट्रेन आ गई।
हम अपने डिब्बे में गए, जहाँ हमारी सीट बुक थी।
वहाँ जाकर हम बैठ गए।

धीरे-धीरे दो घंटे बीत गए।

एक स्टेशन पर ट्रेन रुकी, जहाँ मुसाफिर चढ़ने-उतरने लगे।
तभी एक आदमी आया और मम्मी से बोला,”बहन जी, क्या मैं कुछ देर आपकी सीट पर बैठ सकता हूँ?”
मम्मी ने कहा,”जी, बैठ जाइए!”

वो आदमी मम्मी के पास बैठ गया।
मैं सामने वाली सीट पर था।

उस आदमी की उम्र करीब 45 साल थी और वो बहुत स्मार्ट लग रहा था।
कुछ देर बाद मुझे नींद आने लगी, और मैं सो गया।

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करीब एक घंटे बाद मेरी आँख खुली।
मैंने सामने देखा तो मुझे अजीब लगा।

मम्मी ऊपर पैर करके बैठी थीं और वो आदमी उनके बगल में चिपककर बातें कर रहा था।

मैं जैसे-तैसे लेटा रहा और हल्की आँखों से देखने लगा।

फिर मैंने देखा कि उस आदमी ने मम्मी की कमर पर एक हाथ डाल रखा था और उसे सहला रहा था।
मम्मी मस्ती में उससे बातें कर रही थीं।
कुछ बातें मुझे सुनाई दे रही थीं।

थोड़ी देर बाद मम्मी वहाँ से उठीं।
मैंने देखा कि उनके स्वेटर के ऊपर के बटन खुले थे।
उन्होंने एक कम्बल निकाला और वापस वहीं बैठ गईं, कम्बल ओढ़ लिया।

फिर वो अंकल भी मम्मी के साथ कम्बल में आ गए।
दोनों चिपककर बैठ गए और बातें करने लगे।

तभी शायद अंकल ने मम्मी की चूचियाँ दबानी शुरू कर दीं।
मम्मी के चेहरे से लग रहा था कि उन्हें मजा आ रहा था।

ये सब काफी देर तक चलता रहा।
तभी ट्रेन किसी प्लेटफॉर्म पर रुकी।
अंकल थोड़ा दूर हो गए।

मम्मी ने कम्बल हटाया।
मैंने देखा कि मम्मी का ब्लाउज़ पूरा खुला था।

उन्होंने अपने कपड़े ठीक किए।

कुछ देर बाद जब ट्रेन चली, अंकल फिर मम्मी के पास आ गए।
मम्मी ने कम्बल भी हटा दिया था।

अंकल ने मम्मी की चूचियाँ स्वेटर के ऊपर से दबानी शुरू कर दीं।
मम्मी मस्ती में हँस रही थीं।

ये सब देखकर मैं फिर सो गया।

सुबह जब मम्मी ने मुझे उठाया, हमारा स्टेशन आ गया था।
वो अंकल जा चुके थे।

मम्मी को लग रहा था कि मैंने रात को कुछ नहीं देखा।
मैंने भी उनसे कुछ नहीं कहा।

हम लोग मामा के घर चले गए।
हम लोग मामा के घर करीब चार दिन रुके, फिर वापस अपने घर आ गए।
हमारी नॉर्मल ज़िंदगी शुरू हो गई।

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एक रात मैं मम्मी के साथ लेटा हुआ था।
मैं सो रहा था, तभी मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी।
मेरी आँख खुल गई।

मैंने देखा कि मम्मी फोन पर किसी से बात कर रही थीं।
वो बोल रही थीं,”ओह विनोद जी, अब रहा नहीं जाता!”
वो अपनी चूचियाँ मसल रही थीं।

मैंने बहुत सी गंदी-गंदी बातें सुनीं, जिनमें मम्मी अंकल से कह रही थीं,”मुझे चोदो भी! आह!”
ये सब सुनकर मैं सो गया।

कुछ दिन बाद एक दोपहर को हमारे घर की डोरबेल बजी।
मम्मी ने दरवाज़ा खोला।
मैंने देखा कि विनोद जी थे।

मम्मी ने मुझसे कहा,”बेटा, ये तेरे मामा के दोस्त हैं। कुछ काम से आए हैं!”
मैं समझ गया कि मम्मी ने अपनी चुदाई के लिए अंकल को बुलाया है।
मुझे इस प्लान से कोई दिक्कत नहीं थी।

मम्मी ने विनोद जी की बहुत सेवा की।

धीरे-धीरे रात हो गई।
मम्मी ने विनोद जी के लेटने का इंतज़ाम कर दिया।
मैं मम्मी के साथ लेट गया।

मुझे पता था कि क्या होने वाला है इसलिए मैं जाग रहा था।

जैसे ही मैंने सोने का नाटक किया, मम्मी उठीं और कमरे से बाहर चली गईं।
मैं भी उनके पीछे चला गया।

अंकल बाहर तख्त पर लेटे थे।
मम्मी उनके साथ लेट गईं।
दोनों एक-दूसरे से लिपट गए।

अंकल मम्मी के होंठ चूमने लगे और हल्की आवाज़ में बोले,”अमिता, मैं तुम्हारी चूत कब से मारने को बेताब था!”
मम्मी बोलीं,”आज जी भर के मेरी चूत मारो, राजा! आह!”

दोनों वासना में इतने डूबे थे कि एक-दूसरे के कपड़े उतारने लगे।
अंकल ने मम्मी की ब्रा उतार दी और उनके निपल्स चूसने लगे।

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मम्मी को बहुत मज़ा आ रहा था।
वो आहें भर रही थीं,”आह! सीईईई!”

तभी अंकल ने मम्मी को नीचे लिटा दिया और उनकी चूत चाटने लगे।
मम्मी मादक आवाज़ें निकालने लगीं,”आह! विनोद जी! आह! यूईईई! आआआह!”

मम्मी बोलीं,”अब डालो भी!”

विनोद जी ने अपना लंड निकाला और मम्मी की चूत पर लगाकर एक ज़ोरदार धक्का मारा।
मेरी मम्मी की चूत बहुत गीली थी, जिससे लंड आसानी से अंदर चला गया।

मम्मी जोर-जोर से आवाज़ें करने लगीं,”उम्म्म! साआआ! हहाआआ! विनोद जी! ऊईई ई!”
मेरी मम्मी की चुदाई जोर-जोर से होने लगी।

मम्मी पूरी नंगी होकर एक अनजान मर्द से मेरे सामने चुदवा रही थीं।
Xxx मम्मी सेक्स में पटा-पट की आवाज़ें आ रही थीं।

अंकल बहुत जोर-जोर से चोद रहे थे।
दोनों पसीने से लथपथ हो गए थे।

तभी मम्मी तेज़ आवाज़ करने लगीं,”आआ आह! मैं गई! उम्म्म! उम्म्म!”
शायद मम्मी का पानी निकल गया था।

कुछ देर बाद विनोद जी ने मम्मी से पूछा,”अमिता डार्लिंग, कहाँ डालूँ? आह!”
मम्मी पूरे जोश में बोलीं,”अंदर!”

फिर विनोद जी ने मम्मी की चूत में अपना माल गिरा दिया।

दोनों उसी पोज़ीशन में लेटे रहे और बातें करने लगे।
विनोद जी ने मम्मी से कहा,”अमिता डार्लिंग, कैसा लगा?”
मम्मी ने अंकल के होंठ चूमे और बोलीं,”आज पहली बार मुझे इतना मज़ा आया है!”

ये सब देखकर बहुत रात हो गई थी।
मैं अपने कमरे में चला गया और सो गया।

Xxx मम्मी सेक्स कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करें।
d80921855@gmail.com

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